काला सागर में रूस और ब्रिटेन आमने-सामने हैं। रूस ने अपने क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले ब्रिटिश युद्धपोत को हटाने के लिए बुधवार को चेतावनी देते हुए गोलीबारी की। उसके युद्धक विमान ने युद्धपोत के नजदीक बम भी गिराए। यह घटना क्रीमिया के पास काला सागर में हुई। रूस इस क्षेत्र को अपना बताता है। हालांकि, ब्रिटेन ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है। शीत युद्ध के बाद पहली बार नाटो के युद्धक पोत को हटाने के लिए गोलीबारी करने की घटना हुई है।
बता दें कि ब्रिटिश जहाज उड़ाने की धमकी रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस अंतरराष्ट्रीय जल संधियों का सम्मान करता है। रूस और समुद्री कानूनों को पूरी तरह से मानता है और अगर ब्रिटिश जहाज अब ब्लैक सागर में घुसने की गुस्ताखी करता है तो रूस उसे उड़ा देगा। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि ब्लैक सागर में ब्रिटिश जहाज ने घुसने की हिम्मत की थी, लेकिन रूस की विध्वंसक जहाजों ने ब्रिटिश जहाज के रास्ते में फायरिंग की है और बम फोड़े हैं। ये एक चेतावनी है और अब अगर ऐसा होता है कि रूसी विध्वंसक अपने टार्गेट को निशाने पर लेगा।
रूस के उप विदेश मंत्री सर्जेई रिबकोव ने कहा ब्रिटेन को अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो हम सीधे बमबारी भी कर सकते हैं। रूस ने ब्रिटेन पर जानबूझकर उकसावे वाली कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। रूस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ब्रिटेन के युद्धपोत ने उसके जलक्षेत्र में घुसने की हिमाकत की है। हालांकि, ब्रिटेन ने रूस के आरोपों को खंडन किया है। ब्रिटेन ने कहा है कि उसका युद्धपोत अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए आगे बढ़ रहा है। ब्रिटेन का दावा है कि उसका पोत यूक्रेन के जल क्षेत्र में चल रहा है।
रूस के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि ब्रिटिश मिसाइल विध्वंसक डिफेंडर ने चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए रूसी जल क्षेत्र में प्रवेश किया। इसके बाद कार्रवाई की गई। मंत्रालय के मुताबिक इसके कुछ मिनट बाद ब्रिटिश विध्वंसक ने अपना रास्ता बदल दिया। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उन्होंने इस हरकत का विरोध करने के लिए मास्को में यूके के मिलिट्री अटैची को तलब किया है। वहीं, ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि युद्धपोत पर फायरिंग जैसी कोई घटना नहीं हुई। मंत्रालय ने कहा है कि युद्धपोत अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए यूक्रेन की सीमा में से गुजर रहा था। दरअसल, रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था, लेकिन रूस के इस कदम को दुनिया के अधिकांश देश मान्यता नहीं देते हैं।
दरअसल, रूस ने 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया पेनिसुला प्रायद्वीप को जब्त कर लिया है और उसकी सीमा में पड़ने वाले समुद्री क्षेत्र पर अपना दावा करता है। हालांकि, पश्चिमी देश रूस के इस दावे को अवैध करार देते हैं। पश्चिमी देश क्रीमिया पेनिसुला को यूक्रेन का हिस्सा मानते हुए समुद्री इलाके पर रूस के दावे को खारिज करते हैं। वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटिश युद्धपोत जो ओडेसा के यूक्रेनी बंदरगाह से जॉर्जियाई बंदरगाह बटुमी की यात्रा कर रहा था, वह कानून के अनुसार काम कर रहा था और अंतरराष्ट्रीय जल में था। ब्रिटेन ने अपने बयान में कहा है कि यह यूक्रेन के जलीय क्षेत्र है। ब्रिटिश रक्षा मंत्री बेन वालेस ने रूसी पायलटों पर युद्धपोत से 500 फीट (152 मीटर) ऊपर असुरक्षित विमान युद्धाभ्यास करने का आरोप लगाया है।