राजस्थान में सियासत का ‘गृहयुद्ध’, कहीं जीजा-साली तो कहीं चाचा-भतीजे आमने- सामने

राजस्थान विधानसभा चुनाव में ‘गृहयुद्ध’ जैसी स्थिति बनी हुई है. कहीं जीजा-साली तो कहीं चाचा-भतीजे आमने-सामने हैं तो वहीं एक जगह पिता के खिलाफ बेटी मैदान में उतरी है. राजस्थान की 199 सीटों पर 25 नवंबर को वोटिंग है. इसके लिए कल चुनाव प्रचार का सिलसिला खत्म हो जाएगा.

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर गुरुवार शाम थम जाएगा. कांग्रेस सत्ता परिवर्तन के रिवाज बदलने के लिए मशक्कत कर रही है तो बीजेपी अपनी वापसी के लिए बेताब है. राजस्थान में कई सीटों पर एक ही परिवार और रिश्तेदार एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रखी है. कहीं जीजा-साली के बीच मुकाबला है तो कहीं पति-पत्नि आमने सामने हैं. इतना ही नहीं चाचा- भतीजे भी एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में है. इस तरह से राजस्थान की आधा दर्जन सीटों पर सियासत का ‘गृहयुद्ध’ जैसी स्थिति बनी हुई है.

राजस्थान की 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान होगा, जिसके लिए गुरुवार को प्रचार खत्म हो जाएगा. ऐसे में हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों पर ही निगाहें नहीं लगी है बल्कि उन चर्चित सीटों पर नजरें हैं, जिन पर एक ही परिवार के सदस्य एक दूसरे के खिलाफ पूरे दमखम के साछ चुनाव लड़ रहे हैं. देखना है कि कौन सियासी बाजी अपने नाम करता है?

जीजा-साली के बीच मुकाबला

धौलपुर विधानसभा सीट पर इस बार जीजा-साली के बीच सीधा मुकाबला है. कांग्रेस से शोभारानी कुशवाह चुनावी मैदान में है, जिनके खिलाफ बीजेपी से शिवचरण कुशवाह किस्मत आजमा रही हैं. शोभारानी 2018 में बीजेपी से विधायक बनी थी, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और पार्टी ने उन्हें चुनावी रण में उतारा है. ऐसे में बीजेपी ने शिवचरण को उतारा है, जो कांग्रेस से आए हैं. शोभारनी के शिवचरण जीजी लगते हैं और दोनों के बीच दूसरा मुकाबला है. यही वजह है कि सभी की नजरें धौलपुर सीट पर लगी हुई हैं.

पति-पत्नि आमने-सामने उतरे

राजस्थान में सीकर जिले की दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर पति-पत्नि ही एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस से मौजूदा विधायक वीरेंद्र सिंह चुनावी मैदान में हैं तो उनके खिलाफ जेजेपी से टिकट लेकर रीटा सिंह चुनावी मैदान में उतर रही है. सीकर में वीरेंद्र सिंह का अपना सियासी कद है और रीटा सिंह जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं. रीटा सिंह जेजेपी के महिला मोर्चा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. वीरेंद्र सिंह के खिलाफ रीटा के उतरने से दांतारामगढ़ सीट पर पति- पत्नि के बीच सियासी संग्राम छिड़ा है.

चाचा-भतीजे आमने-सामने

चूरू जिले की भादरा विधानसभा सीट पर बीजेपी से संजीव बेनीवाल मैदान में उतरे हैं, जिनके खिलाफ कांग्रेस से अजीत बेनीवाल किस्मत आजमा रही थी. संजीव बेनीवाल और अजीत बेनीवाल रिश्ते में चाचा-भतीजे हैं. संजीव दो बार बीजेपी से विधायक रह चुके हैं और तीसरी बार विधायक बनने के लिए मैदान में उतरे हैं तो कांग्रेस ने उनके ही खिलाफ उनके ही भतीजे अजीत बेनीवाल को उतार दिया है. इसके चलते मुकाबला अब चाचा-भतीजे हे बीच हो गया है.

पिता के खिलाफ उतरी बेटी

अलवर जिले की अलवर ग्रामीण सीट विधानसभा सीट पर पिता-पुत्री आमने-सामने मैदान में है. बीजेपी से जयराम जाटव किस्मत आजमा रहे हैं तो उनके खिलाफ निर्दलीय तौर पर उनकी बेटी मीरा कुमारी चुनाव लड़ रही है. बाप-बेटी के बीच फ्रेंडली फाइट नहीं बल्कि सीरियस फाइट हो रही है. मीरा जाटव और जयराम जाटव के समर्थक कई बार आपस में भिड़ चुके हैं और पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में है.

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