लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है. वैसे वैसे सभी पार्टियों की रणनीति बनकर तैयार हो गई है.
लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है. वैसे वैसे सभी पार्टियों की रणनीति बनकर तैयार हो गई है. एक तरफ जहां बीजेपी अपनी जीत का दावा कर रही है. वहीं, महागठबंधन का कहना है कि इस बार उनकी जीत का परचम लहराएगा. इसी कड़ी में आज हम पटना साहिब सीट की बात करेंगे जो कि बीजेपी का कढ़ माना जाता है. फिल्म अभिनेता शत्रुघन सिन्हा ने यहीं से जीत हासिल की थी. उन्होंने आरजेडी के विजय यादव को हराकर ये सीट अपने नाम की थी. शत्रुघन सिन्हा यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं. पटना साहिब एक ऐसा लोकसभा सीट है. जहां हर पार्टी जीत हासिल करना चाहती है, लेकिन अब ये देखने वाली बात होगी कि लोकसभा चुनाव 2024 में ये सीट किसको मिलती है.
किस साल किसको मिली जीत
राजधानी की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा चर्चित सीट पटना साहिब ही है. वैसे तो ये सीट ज्यादा पुराना नहीं है. 2009 में ये सीट अस्तित्व में आया था, लेकिन तब से लेकर अब तक बीजेपी का ही दबदबा इस सीट पर रहा है. पटना साहिब के 6 में चार सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा है. अभी इस सीट से बीजेपी के रविशंकर प्रसाद सासंद हैं. 2009 में शत्रुघन सिन्हा ने बीजेपी के तरफ से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. जिसके बाद 2014 में भी शत्रुघन सिन्हा ने यहां से चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के उम्मीदवार कुणाल सिंह को हराया था. 2019 की अगर बात करें तो शत्रुघन सिन्हा ने पार्टी को धोखा दे दिया और कांग्रेस का दामन थाम लिया. जिसके बाद रविशंकर प्रसाद को इस सीट पर उतारा गया और उन्होंने शत्रुघन सिन्हा को हराकर इस सीट पर जीत हासिल कर ली थी.
क्या है जातीय गणित?
पटना साहिब की चुनावी बिसात को जाति के हिसाब से समझने की कोशिश करते हैं. इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या 3 लाख 51 हजार है. जिसमें महिला वोटरों की संख्या 1 लाख 67 हजार है. वहीं, पुरुष वोटरों की संख्या 1 लाख 84 हजार है और ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 17 हजार है. इस सीट की जातीय गणित की अगर बात करें तो वैश्य समाज का यहां हमेशा से ही दबदबा रहा है. वैश्य समाज 80 हजार वोटर हैं. जिसके बाद सबसे ज्यादा संख्या कोइरी, कुर्मी और मुस्लिम मतदाता की है. यादव वोटर भी इस सीट पर अहम रोल निभाते हैं.
पटना साहिब लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में निम्नलिखित 6 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं
बख्तियारपुर
फतुहा
पटना साहिब
कुम्हरार
बांकीपुर
दीघा



शुरू से ही बीजेपी का रहा है दबदबा
इस सीट पर इस बार महागठबंधन और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है. हालांकि इस सीट के इतिहास की अगर बात की जाए तो शुरू से ही इस सीट पर बीजेपी ने ही जीत हासिल की है, लेकिन बड़ी बात ये है कि इस बार मुख्यमंत्री नीतिश कुमार बीजेपी के साथ नहीं है. ऐसे में इस बार का लोक सभा चुनाव बेहद ही अहम है. क्या इस बार भी बीजेपी इस सीट पर जीत हासिल कर पायेगी या फिर महागठबंधन बड़ा खेल कर देगा