राजस्थान चुनाव: कांग्रेस के 7 गारंटी वाले विज्ञापन पर चुनाव आयोग की रोक, जानें क्या है वजह

Jaipur News: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से जारी किए गए सात गारंटी वाले विज्ञापन पर चुनाव आयोग का चाबुक चल गया है. आयोग ने सी विजिल ऐप के जरिए इस संबंध में प्राप्त हुई शिकायत के बाद इस पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं. वहीं कांग्रेस पदाधिकारियों से इसका स्पष्टीकरण भी मांगा है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस पार्टी की ओर से 7 गारंटी की रजिस्ट्रेशन के लिए मिस्ड कॉल संदेश वाले प्रसारित हो रहे विज्ञापन को चुनाव आयोग ने तुरंत प्रभाव से रोकने के निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ ही इन विज्ञापनों को बिना अधिप्रमाणन के प्रसारित करवाकर आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों की अवहेलना करने का स्पष्टीकरण भी मांगा है. आयोग को सी विजिल ऐप के जरिए मिस्ड कॉल वाले विज्ञापन से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन की शिकायत प्राप्त हुई थी.

कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी मिस्ड कॉल विज्ञापन से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के इस मामले की राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता सूर्यप्रताप सिंह राजावत और चंदन आहूजा ने चुनाव आयोग के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी. दोनों अधिवक्ताओं ने मिस्ड कॉल विज्ञापन से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबधित दस्तावेज राजस्थान निर्वाचन आयोग के सीईओ प्रवीण गुप्ता के समक्ष पेश कर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई थी. उसके बाद यह आदेश जारी हुआ है.

दावा यह विज्ञापन सरोगेट एडवटाइजरमेंट की श्रेणी में आता है

अधिवक्ता सूर्य प्रताप सिंह राजावत की ओर से कांग्रेस पार्टी के चुनाव विज्ञापन में सात गारंटी के विज्ञापन के विरुद्ध सीईओ प्रवीण गुप्ता (अध्यक्ष, स्टेट लेवल मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग समिति) के समक्ष आपत्तियां दर्ज कराई गई थी. इसमें बताया की यह विज्ञापन सरोगेट एडवटाइजरमेंट की श्रेणी में आता है. यह एक प्रकार का भ्रमित करने वाला विज्ञापन है.

कांग्रेस के अध्यक्ष और महासचिव को दिया नोटिस उसके बाद मामले पर संज्ञान लेते हुए निर्वाचन विभाग ने इसे रोकने का निर्देश जारी किए हैं. निर्वाचन विभाग के विशेषाधिकारी सुरेश चन्द्र ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष एवं महासचिव राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी जयपुर को जारी किए गए आदेश में कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से क्रमांक 491/ एमसीएमसी/2014 दिनांक 24 मार्च 2014 के द्वारा समस्त राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थी को यह निर्देशित किया गया है कि कोई भी विज्ञापन जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित किया जाना प्रस्तावित है का पूर्व अधिप्रमाणन आवश्यक है. बिना अधिप्रमाणन के ऑडियो संदेश प्रसारित करना भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों की स्पष्ट अवहेलना है.

ऑडियो संदेश के प्रसारण को तुरंत प्रभाव से रोका जाए

उन्होंने ऑडियो संदेश के प्रसारण को तुरंत प्रभाव से रुकवाने और बिना अधिप्रमाणन के उक्त विज्ञापन संदेश प्रसारित कर आदर्श आचार संहिता प्रावधानों की अवहेलना करने का स्पष्टीकरण देने को कहा है. इस नोटिस के बाद अधिवक्ता सूर्यप्रताप सिंह राजावत ने चुनाव आयोग राजस्थान से मांग की है कि रिकार्डेड वॉइस मैसेज के लिए उपयोग में लिए जाने वाले फोन और उपकरणों को भी जब्त किया जाए और 8587070707 नंबर को कांग्रेस के विज्ञापन में नहीं अंकित किये जाने के आदेश पारित करें.

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