देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर (Bipin Rawat Helicopter Crash) कैसे हादसे का शिकार हुआ इसको लेकर अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. फिलहाल अच्छी खबर ये है कि हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. ऐसे में कुछ दिनों के बाद पता लगा जाएगा कि ये हादसा क्यों और कैसे हुआ. रावत जिस Mi-17V5 हेलिकॉप्टर में सवार थे उसे बेहद सुरक्षित और एडवांस माना जाता है. इसका इस्तेमाल दुनिया के करीब 50 देश करते हैं. इसे इतना सुरक्षित माना जाता है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी इसका कई बार इस्तेमाल करते हैं.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस हेलिकॉप्टर ने आखिरी बार 26 घंटे से ज्यादा की उड़ान भरी थी. इस दौरान इसमें कोई तकनीकी खराबी नहीं आई थी. IAF के एक रिटायर्ड अधिकारी ने कहा, ‘Mi-17V5 को ‘सबसे सुरक्षित’ और ‘सबसे आधुनिक’ सैन्य परिवहन हेलिकॉप्टरों में से एक माना जाता है. हेलिकॉप्टर मॉडल के पिछले रिकॉर्ड से पता चलता है कि ये 100% विश्वसनीय है.’
IAF प्रोटोकॉल के अनुसार, किसी भी VIP उड़ान से पहले, विमान को तीन चरणों की मैकेनिकल जांच से गुजरना पड़ता है, जिसके बाद विमान को सील कर दिया जाता है. अधिकारी ने कहा, ‘मेरे विचार से, ये एक अजीब दुर्घटना रही होगी. क्योंकि अगर हेलिकॉप्टर के दोनों इंजन खराब हो जाएं तो भी संभावना रहती है कि ये धान के खेत में उतर सके.’
ये एक ऐसा हेलिकॉप्टर है जो खराब हालत में भी उड़ान भर सकता है. एक सूत्र के हवाले से अखबार ने लिखा है कि कोहरे के चलते ये हादसा हुआ होगा. ऐसा लगता है कि हेलिकॉप्टर शायद एक पेड़ के तने से टकराया या उसका रोटर केबल में उलझ गया.’
बता दें कि तमिलनाडु के कुन्नूर के पास घने कोहरे के कारण सेना का हेलिकॉप्टर बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में जनरल रावत सहित कुल 13 लोगों मौत हुई है. रावत वेलिंगटन में स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में लेक्चर देने जा रहे थे.