बिहार में बनी नई सरकार ने एक बार फिर शराबबंदी पर सख्ती दिखाई है तो वहीं इस कानून को लेकर फिर से सियासी संग्राम भी शुरू हो गया है। चुनावी प्रचार से लेकर अब तक कई मौकों पर शराबबंदी कानून को लेकर कई नेताओं ने सीएम Nitish Kumar को निशाने पर लिया है। अभी ताजा मामला Congress के साथ जुड़ा है।
भागलपुर विधानसभा सीट से Congress के विधायक अजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री Nitish Kumar से शराबबंदी से राजस्व को कई हजार करोड़ का नुकसान बताते हुए इसे खत्म करने की मांग की है। 15 दिसंबर को लिखे गए पत्र में विधायक Ajeet Sharma ने कहा है कि शराबबंदी अच्छा सोचकर की गई थी, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। पत्र में कांग्रेस विधायक ने लिखा कि 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया।
उस वक्त Congress पार्टी भी आपके साथ थी। शराबबंदी को राज्य के लिए अच्छा काम समझकर Congress ने आपका पूरा साथ समर्थन किया था लेकिन व्यवहारिक तौर पर पिछले साढ़े 4 वर्षों से यह देखने में आ रहा है कि शराबबंदी वस्तुत: लागू नहीं है। यह अवैध धनार्जन का साधन हो गई है। उन्होंने ये भी लिखा कि शराब दुकानों पर न बिककर अब घर-घर तक पहुंच गई है, जो कीमत दुकानों पर थी उससे दोगुनी कीमत पर शराब की होम डिलीवरी हो रही है।
उनका दावा है कि इस काम में न सिर्फ नई उम्र के लड़के-लड़कियां बल्कि इस पूरे धंधे में शराब माफिया के साथ पुलिस, नेता और अफसरशाह सब शामिल हैं। Ajeet Sharma द्वारा की गई मांग का सांसद अखिलेश सिंह और राजद ने भी समर्थन किया है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शराबबंदी को ढकोसला बताया है।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान लोजपा नेता चिराग पासवान सहित महागठबंधन के कई नेता भी इसी तरह का आरोप लगा चुके हैं। बिहार सरकार में शामिल हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी भी कई मौकों पर शराबबंदी कानून में संसोधन करने की मांग कह चुके है।
कांग्रेस विधायक के इस मांग पर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने पलटवार किया। राजीव रंजन के मुताबिक Congress ने आधी आबादी की भावनाओं को आघात पहुंचाया है। शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग पर जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। जदयू के मुताबिक शराबबंदी कानून नीतीश सरकार का क्रांतिकारी निर्णय है और इससे इससे सड़क दुर्घटना के साथ अपराध तक में कमी आई है। वहीं BJP प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने भी Congress पर हमला बोला। कहा कि Congress को समाज और जनता की फिक्र नहीं है। शराबबंदी कानून से बिहार में हादसों और अपराध में भी कमी आई है। इसके लिए तो जनता खुद Congress से सवाल पूछेगी।