कृषि कानूनों के खिलाफ Andolan कर रहे किसानों के मसले पर बुधवार को देश की Supreme Court में सुनवाई हुई। पिछले 20 दिनों से किसान सड़कों पर हैं, सरकार के साथ कई दौर की बात भी हुई है लेकिन कोई हल नहीं निकला है। लेकिन अब Supreme Court में इस मसले पर सरकार और किसानों के बीच समझौता कराने की पहल की है जिसके लिए कमेटी का गठन किया जाएगा।
हालांकि, अभी Supreme Court में गुरुवार को फिर इसपर सुनवाई होनी है। लेकिन आज हुई सुनवाई में अदालत ने कैसे कमेटी बनाने, सहमति कराने के संकेत दिए, साथ ही किसान बनाम सरकार की ये जंग किस ओर रुख कर रही है। नज़र डालें…
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि ये राष्ट्रीय स्तर का मसला है, ऐसे में इसमें आपसी सहमति होनी जरूरी है। अदालत की ओर से दिल्ली की सीमाओं और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे Farmers संगठनों की लिस्ट मांगी गई है, जिससे पता चल सके कि बात किससे होनी है। अदालत ने कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों से ऐसा लगता है कि सरकार-किसान के बीच सीधे तौर पर इसका कोई हल नहीं निकल रहा है।
अब आगे क्या होगा?
• Supreme Court इस मामले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन करेगा।
• कमेटी में आंदोलन कर रहे किसान संगठन, केंद्र सरकार, राज्य सरकार के प्रतिनिधि, अधिकारी और अन्य संबंधित लोग होंगे।
• Supreme Court को संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय Farmers यूनियन समेत अन्य किसान संगठनों की लिस्ट सौंपी जाएगी।
• सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार, हरियाणा और पंजाब सरकार को नोटिस भेजा है और कल तक जवाब मांगा है।
• Supreme Court ने सभी Farmers संगठनों को नोटिस भेजा है, हर संगठन की लिस्ट मांगी है और केस में पार्टी बनाने को कहा है।
साफ है कि सरकार-किसानों के बीच हुई बातचीत से कोई हल ना निकलते देख Supreme Court ने कमान अपने हाथ में ली है। अब गुरुवार को होने वाली सुनवाई में साफ होगा कि अदालत जो कमेटी बना रही है, उसकी रूप-रेखा क्या होगी और वो किस तरह इस मसले को सुलझाने की ओर कदम बढ़ाएगी।
आपको बता दें कि बुधवार को जिन याचिकाओं पर सुनवाई हुई, उनमें अधिकतर जनहित याचिकाएं थीं। जिनमें Farmers संगठन पार्टी नहीं थे, याचिकाओं में Protest के कारण सड़कें बंद होना, Corona का संकट होना और Protest के अधिकार को लेकर सवाल किए गए थे।