अररिया- मूसलाधार बारिश का सिलसिला फिलहाल रुक गया है। इसी वजह से अधिकांश नदियों का जलस्तर गिरता जा रहा है। बाढ़ का कोई बड़ा संकट फिलहाल नहीं दिख रहा। लेकिन बाढ़ के खतरे को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह चौकस है। ऐसी जानकारी डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने मंगलवार को मीडिया कर्मियों को दी। बाढ़ के संभावित खतरे को लेकर डीएम ने कहा कि सोमवार की देर रात से ही नेपाल के साथ साथ भारतीय इलाकों में बारिश का सिलसिला लगभग थम चुका है।
मंगलवार को सिर्फ 11 से 12 एमएम बारिश होने की सूचना है। जिले से होकर बहने वाली परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से बहुत थोड़ा उपर है । पश्चिम कनकई व बकरा फिलहाल खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। नदियों के जलस्तर में लगातार गिरावट जारी है।
मूसलाधार बारिश के कारण 18 पंचायत आंशिक रूप से बाढ़ प्रभावित हुए हैं। 13 गांव पानी से घिरे हैं. ऐसे स्थानों पर आवगमन को लेकर दिक्कतें आ रही है। डीएम ने कहा कि फिलहाल 67 स्थानों पर सरकारी नाव का परिचालन हो रहा है। जबकि प्रशासन के पास 350 नाव उपलब्ध है। स्थिति को देखते हुए आवश्यकतानुसार नाव प्रभावित इलाकों में उपलब्ध कराया जा रहा है. वैसे निर्माणाधिन पुल जिनके डायवर्सन पानी के दबाव के कारण बह गए हैं, वहां वैकल्पिक रुट निर्धारित किया जा रहा है।
भंगिया के बेले ब्रिज व खजुरी बांध पर आवागमन चालू कराया गया है। अररिया व फारबिसगंज अनुमंडल में एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है. डीएम ने कहा कि जिले में बाढ़ के इंट्री प्वाइंट को चिह्नित कर संबंधित बांध व तटबंध की मरम्मत की पहल पहले चल रही है. जहां कहीं कुछ कमी रह गई है उसमें सुधार का प्रयास किया जा रहा है. इस क्रम में पिपरा, केसर्रा मचकुरी, चंद्रशेखर बांध, बजगिरवा बांध, खवासपुर परमान, कमलाधार, पोखरिया, सिहिंया परड़िया जैसे मुख्य बांधों के सुरक्षा को लेकर कारगर प्रयास किये जाने की जानकारी भी उन्होंने दी। डीएम ने कहा कि बकरा व परमान में वाटर गेज उपलब्ध है।