सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद की सुनवाई पूरी हो गई है. बुधवार को इस सुनवाई का 40वां दिन और आखरी दिन था. हिंदू पक्ष की ओर से निर्मोही अखाड़ा, हिंदू महासभा, रामजन्मभूमि न्यास की ओर से दलीलें रखी गईं तो वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने अपनी दलीलें रखीं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. 1949 में पहली बार ये मामला अदालत में गया था, लेकिन 6 अगस्त को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई शुरू हुई जो अब खत्म हुई है।
23 दिन में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा। सुनवाई तय समय से एक घंटा पहले ही खत्म हो गई। अदालत ने कहा कि अगले तीन दिन तक इस मामले में दस्तावेज जमा कराए जा सकते हैं। हिंदू महासभा के वकील वरुण सिन्हा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा हौ और मामले पर फैसला 23 दिन में आएगा।
अदालत में बुधवार को राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले की लगतार 40वें दिन सुनवाई हुई। पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने साफ कर दिया कि शाम को पांच बजे मामले में अंतिम सुनवाई होगी। हालांकि सुनवाई एक घंटे पहले चार बजे ही खत्म हो गई।
मुस्लिम और हिंदू पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें अदालत के सामने पेश कीं। इस दौरान कोर्टरूम में ड्रामा देखने को मिला। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा पेश किए गए नक्शे को फाड़ दिया।
इससे पहले मंगलवार को सीजेआई ने कहा था कि सभी पक्ष 16 अक्तूबर तक मामले से संबंधित दलीलें पेश कर दें क्योंकि फिर उन्हें फैसला लिखने में चार सप्ताह का समय लगेगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अयोध्या मामले में एक पक्ष हिंदू महासभा के हस्तक्षेप के आवेदन को खारिज करते हुए कहा, ‘यह मामला शाम को खत्म हो जाएगा। बहुत हो चुका। हम और समय नहीं देंगे।’