मिल्कीपुर में भगवा फहराकर BJP ने की अयोध्या की ‘भरपाई’, योगी ने 8 महीने में लिया हार का बदला

मिलकीपुर विधानसभा उपचुनाव (Milkipur By Election Result) में बीजेपी के चंद्रभानु पासवान (Chandrabhanu Paswan) ने समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद को 61 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की है। इस जीत के साथ ही बीजेपी ने अयोध्या लोकसभा सीट पर मिली हार का बदला ले लिया है। मिल्कीपुर सीट पर सालों से समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है लेकिन इस बार बीजेपी ने ये सीट छीन ली।

Milkipur By Election Result 2025 | मिल्कीपुर विधानसभा (Milkipur by election result) सीट पर भाजपा के चंद्रभानु पासवान (Chandrabhanu Paswan) ने जीत हासिल की है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद (Ajit Prasad) को 61 हजार वोटों से हराया। इस सीट पर सपा का ही कब्जा रहा है।

अयोध्या (फैजाबाद) लोकसभा सीट पर भाजपा हारी थी, लेकिन 8 महीने बाद ही विधानसभा उपचुनाव में मिल्कीपुर सीट जीतकर (milkipur bypoll results 2025) बीजेपी ने अयोध्या की हार का बदला ले लिया है।

सीएम योगी की प्रतिष्ठा का था सवाल

बता दें कि अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) के त्याग पत्र के बाद मिल्कीपुर सीट (Milkipur by elections result) खाली हुई थी। सपा ने अवधेश के बेटे अजीत (Ajit Prasad) को प्रत्याशी बनाया था। वहीं, बीजेपी से चंद्रभानु पासवान मैदान में थे। चूंकि अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) अयोध्या में जीतकर सांसद बने थे। इस बाबत यह सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी थी और उन्होंने लगातार अयोध्या के दौरे कर मिल्कीपुर में जीत के लिए वातावरण तैयार किया था।

अयोध्या में मिली हार ने दी जीत की राह

2024 जनवरी में राम मंदिर का निर्माण होने के बाद किसी को उम्मीद नहीं थी कि बीजेपी अयोध्या सीट हार जाएगी, लेकिन जब नतीजे सामने आए तो हर कोई हैरान रह गया। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के नीतजों के बाद सीएम योगी (CM Yogi) ने खुद मोर्चा संभाला।

नवंबर 2024 में प्रदेश की 9 सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसकी जिम्मेदारी सीएम ने खुद ली और जोरों-शोरों के साथ मजबूत प्लान तैयार किया। इसी का नतीजा था कि उपचुनाव की 8 सीटों पर बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की थी।

सीएम योगी ने खुद संभाला था मोर्चा

मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए सीएम योगी शुरू से ही एक्टिव थे। उन्होंने चुनाव का कमान संभाल रखा था। उन्होंने मिल्कीपुर में कई जनसभाएं कीं। पार्टी के जिम्मेदार नेताओं से मिले और उन्हें दायित्वों को सौंपा। इतना ही नहीं, सीएम योगी ने मिल्कीपुर में प्रचार-प्रसार के लिए करीब 10 मंत्रियों को भी लगा रखा था।

भाजपा ने बूथ लेवल पर सघन अभियान चलाया, जमीनी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया। इसका असर 5 फरवरी को मतदान के समय भी दिखा था। 8 फरवरी को बीजेपी शुरू से ही बढ़त बनाए थी।

सालों से सपा का ही रहा है कब्जा

मिल्कीपुर सीट पर सालों से समाजवादी पार्टी का ही कब्जा रहा है। ये सीट सपा का गढ़ मानी जाती है। साल 1991 से अब तक बीजेपी यहां सिर्फ दो बार चुनाव जीती है, जबकि छह बार सपा और दो बार बसपा से विधायक रहे हैं। इस बार 8 साल बाद बीजेपी के हिस्से मिल्कीपुर सीट आई।

जातीय समीकरण समझिये-

  • 3.5 लाख पात्र मतदाता।
  • 1.2 लाख दलित, 55,000 यादव, 30,000 मुस्लिम।
  • 60,000 ब्राह्मण, 55,000 पासी, 25,000 ठाकुर, 50,000 अन्य पिछड़े वर्ग के वोटर्स।
  • दलित और अन्य वर्गों का समर्थन जीतने वाली पार्टी को लाभ।
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