pollution in Delhi and NCR

Delhi-NCR की हवा हुई जहरीली,हवा की गुणवत्ता 8 महिने के निचले स्तर पर

हरियाणा और पंजाब में पराली जलाए जाने के चलते राजधानी Delhi and NCR के इलाकों में Pollution बढ़ता जा रहा है। इस वजह से हवा की गुणवत्ता 8 महिने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। मंगलवार को औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में है। इसका कारण हवा की गति कम होना बताया जा रहा है। इसके अलावा पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं भी हो रही है जिसका असर भी Delhi में दिखने लगा है।

अब प्रदूषण के स्तर में यदि थोड़ी भी बढ़ोतरी होती है तो हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच जाएगी। एयर इंडेक्स 306 पर पहुंच गया था, जो बहुत खराब श्रेणी में है। इसके बाद प्रदूषण का स्तर में थोड़ा सुधार हुआ। फिर भी 24 घंटे की औसत एक्यूआइ 300 दर्ज किया गया, जबकि सोमवार को 261, रविवार को 216 और शनिवार को 221 था। द्वारका सेक्टर-8 में हवा की गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब रही। वहां एक्यूआइ 390, वजीरपुर में 372 और मुंडका में 352 दर्ज किया गया।


वहीं, प्रदूषण को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने Delhi सरकार के दावों को खारिज कर दिया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा मंगलवार को प्रेसवार्ता कर लगाए गए आरोपों के जवाब में अपना पक्ष जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ने वायु प्रदूषण कम करने के प्रभावी कदम उठाए हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि Delhi के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर अपनी निष्क्रियता के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदूषण को समाप्त करने के लिए काम करने में विश्वास करती है। सरकार ने पिछले छह वर्षो में कई वायु प्रदूषण विरोधी पहल की है।

मंत्रालय ने कहा कि इस्टर्न व वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से प्रतिदिन 60 हजार ट्रक अब Delhi में प्रवेश नहीं करते हैं। यह केंद्र सरकार का बड़ा कदम है। इससे प्रदूषण के मामले में बड़ी राहत मिली है। केंद्र ने बदरपुर थर्मल प्लाट को बंद कर दिया है। पंजाब व हरियाणा सरकार को पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को 1400 करोड़ रुपये आधुनिक मशीन खरीदने के लिए दिए गए हैं। इससे प्रदूषण में 15 से लेकर 20 फीसद तक कमी आई है। NCR के 2800 ईंट-भट्ठों के लिए नई तकनीक विकसित की गई है, जिससे वायु प्रदूषण कम होगा।

राजधानी Delhi में कचरे से बिजली बनाने वाले 3 बिजली घर 57 मेगावाट बिजली बना रहे हैं। 65000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ वीएस-6 मानक के अनुरूप वाहनों और ईंधन को लाया गया है। इससे वाहनों के प्रदूषण को काफी हद तक कम कर दिया गया है। NCR के 2600 उद्योगों को PNG फ्यूल पर परिवíतत किया गया है। 2016 में पहली बार निर्माण अपशिष्ट प्रबंधन से धूल प्रदूषण को कम किया गया। 3 कारखाने निर्माण कचरे से सड़क के किनारे उपयोग में लाई जाने वाली टाइल्स को बनाते हैं। DDA द्वारा बड़े स्तर पर धूल दबाने के लिए पानी के छिड़काव वाले वाहन उपलब्ध कराए गए हैं।


NCR में पेट्रोल और डीजल के सभी रिटेल आउटलेट्स में प्रदूषण को कम करने के लिए सिस्टम लगाया गया है। मार्च में कैबिनेट सचिव की बैठक की शुरुआत करते हुए पर्यावरण मंत्रियों और NCR राज्यों के प्रमुख अधिकारियों की कई बैठकें आयोजित की गई हैं।

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