पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सियासी जमीन की तलाश में जुटे राजद (RJD) को अभी तक तृणमूल (Trinamool) से ख़ास फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) तक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) व उनके बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के पैगाम पहुंचे हुए भी करीब दो हफ्ते बीत गए, लेकिन अबतक कोलकाता से कोई संदेशा आया नहीं है। RJD की आस पूरी तरह टूटी नहीं है, मगर इंतजार में दूसरे विकल्पों पर भी बातें होने लगी हैं। वाम मोर्चा को पूरे हालात की जानकारी है। इसलिए RJD को समझाया जा रहा है। दो-तीन दिनों में शीर्ष स्तर पर विमर्श बढ़ा है। सूचना है कि सीताराम येचुरी (SitaRam Yechuri) ने पहल की है। TMC से बात नहीं बनी तो RJD का वाम मोर्चा और कांग्रेस के साथ भी समझौता हो सकता है।
बंगाल में BJP विरोधी सारे दल इस बात से तो सहमत हैं कि BJP को रोकना है। किंतु एकला चलते हुए तृणमूल ने सबकी मंशा पर पानी फेर दिया है। RJD को भी TMC की इसी जिद ने झटका दिया है, जिसके बाद तेजस्वी ने भी दूसरी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे लालू प्रसाद की तिमारदारी में जुटे तेजस्वी यादव बंगाल में सक्रिय होने के लिए तैयार बैठे हैं। ममता से बात नहीं बनी तो वाम मोर्चा और कांग्रेस को विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है। कोलकाता में अभिषेक बनर्जी से मुलाकात करके पटना लौटे RJD के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक के मुताबिक उनकी बात माकपा महासचिव सीतराम येचुरी और कांग्रेस से हो रही है। हालांकि उन्हें ममता से सहारा मिलने की अभी भी उम्मीद है।
श्याम रजक ने बताया कि बंगाल में RJD अपनी तैयारी जारी रखे हुए है। समझौते का इंतजार नहीं है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बंगाल में दो सभाएं भी तय हो चुकी हैैं। मार्च के पहले हफ्ते में आसनसोल एवं तीनसुकिया में राजद की सभाएं होंगी, जिसमें तेजस्वी यादव शिरकत करेंगे। किसी भी तरह बंगाल में भाजपा का रास्ता रोकना है।
गठबंधन के बूते बिहार में जीत से उत्साहित भाकपा माले की कोशिश बंगाल में BJP विरोधी दलों को साथ लेकर बड़ा मोर्चा बनाने की थी। कामयाबी नहीं मिली तो माले ने भी अकेले लडऩे का ऐलान कर दिया। माले के राज्य सचिव कुणाल के मुताबिक 12 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान हो चुका है। अब किसी से गठबंधन की बात नहीं होगी। न कांग्रेस से, न वाम मोर्चा से। इसके पहले माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बयान दिया था कि उनकी सबसे बड़ी दुश्मन BJP है। उसे रोकना जरूरी है।