सरकार और विपक्ष में शुरू हुआ पोस्टर वॉर

राजधानी लखनऊ में पोस्टर वॉर को लेकर सियासत बढ़ती जा रही है। सपाइयों के बाद अब कांग्रेस ने भी इस पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। SP से एक कदम आगे बढ़ते हुए कांग्रेस ने सीधे सूबे के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को दंगाई कह दिया। बीते दिन योगी सरकार द्वारा लाये गये अध्यादेश पर कांग्रेस ने पूरे शहर में पोस्टर लगाकर इनसे भी वसूली की माँग की है।

SP से एक कदम आगे जाते हुए कांग्रेस ने सीधे CM योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को दंगाई बताया गया है। पोस्टर में लिखा गया है कि लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ के द्वारा दायर चुनावी हलफ़नामे के मुताबिक़ वह गोरखपुर में हुए दंगे के मुख्य अभियुक्त हैं। कल योगी सरकार द्वारा अध्यादेश लाने पर कांग्रेस ने पूरे शहर में पोस्टर लगाकर इनसे भी वसूली माँग की। कांग्रेस ने सरकार को उसके घर में घेरते हुए ही BJP दफ्तर पर पोस्टर लगाते हुए सरकार को चैलेंज किया, वहीं तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बीच भी अंबेडकर प्रतिमा,नगर निगम,दारूलशफा ,लखनऊ विश्वविद्यालय सहित दर्जनभर जगहों में योगी सरकार द्वारा लगाये गये पोस्टर्स के समांतर पोस्टर्स लगाये। यह पोस्टर कांग्रेस के युवा नेता सुधांशु बाजपेयी द्वारा जारी किये गये हैं।

वहीं युवा नेता सुधांशु बाजपेयी ने कहा कि CM कैबिनेट में जो अध्यादेश लेकर आये हैं, वह सीधे जनादेश का दुरुपयोग है । संविधान में विधायिका को जो विशेषाधिकार दुर्लभतम परिस्थितियों के लिए दिया गया है । योगी सरकार उसका उपयोग निजी अहंकार को तुष्ट करने के लिए कर रहे हैं । जो लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए बेहद खतरनाक है। लेकिन जो संविधान CM को अध्यादेश लाने का अधिकार देता है । उसी के आर्टिकल 14 के तहत मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री सहित BJP के विभिन्न नेताओं पर भी विभिन्न मामलों में दंगों के मुकदमें दर्ज हैं। तब स्वाभाविक ही इनसे भी इसी अध्यादेश के तहत वसूली होनी चाहिए। CM समेत पूरी BJP को संविधान और न्यायपालिका में भरोसा नहीं हैं । इसीलिए वह बारबार न्यायपालिका का अपमान और संविधान का महौल उड़ाते है।

दूसरी ओर, योगी सरकार HC के आदेश के बाद भी CAA के विरोध में हुई हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने वाले अभियुक्तों के वसूली वाले होर्डिंग हटाने के लिये तैयार नहीं है। जबकि हाई कोर्ट ने उससे इन होर्डिंग्स को 16 मार्च तक हटाने के लिये कहा था। होर्डिंग्स लगाने के योगी सरकार के फ़ैसले पर इलाहाबाद HC ने स्वत: संज्ञान लिया था और सरकार के इस काम को ग़लत करार दिया था। लेकिन योगी सरकार इसके ख़िलाफ़ SC चली गयी। SC से भी योगी सरकार को कोई राहत नहीं मिली थी।

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