अपने ही यूजर्स की जासूसी कर रही Xiaomi, रिपोर्ट में दावा

अगर आप Xiaomi स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो यह यह खबर आपको चिंता में डाल सकती है। बताया जा रहा है कि शाओमी अपने ही यूजर्स को स्मार्टफोन के जरिए हमेशा ट्रैक कर रही है। हाल में आई फोर्ब्स (FORBES) की एक रिपोर्ट के मुताबिक शाओमी यूजर्स के डेटा को रिकॉर्ड करने के लिए स्मार्टफोन्स में की जाने वाली हर ऐक्टिविटी पर लगातार नजर रख रही है। रिपोर्ट की मानें तो शाओमी फोन में रिकॉर्ड किए गए डेटा को एक खास सर्वर पर भेजती है जिसे Alibaba होस्ट करता है। इस सर्वर को शाओमी ने यूजर के डेटा सेव रखने के लिए किराए पर लिया है।

ऐसा पाया गया है कि शाओमी का डिफॉल्ट ब्राउजर विजिट की गई वेबसाइट के साथ ही सर्च किए गए आइटम्स का भी डेटा रिकॉर्ड करता है। रिपोर्ट में जो सबसे चौंकाने वाली बात कही है कि उसके मुताबिक शाओमी प्राइवेट मोड ऑन रहने पर भी स्मार्टफोन में की जाने वाली गतिविधियों को सेव करता है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि शाओमी यह भी रिकॉर्ड करती है कि यूजर ने कौन से फोल्डर को खोला और किस स्क्रीन को स्वाइप किया है। इसमें सेटिंग पेज और स्टेटस बार में की गई ऐक्टिविटी भी शामिल है। सभी डेटा रूस और सिंगापुर में मौजूद उस सर्वर पर जाते हैं, जो बीजींग में रजिस्टर है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार शाओमी वेब ब्राउजर डेटा के अलावा फोन का डेटा भी ऐक्सेस करती है, जिसमें डिवाइस और ऐंड्रॉयड वर्जन की पहचान की जाती है।

अपने ऊपर लग रहे इस गंभीर आरोपों का शाओमी ने खंडन किया है। कंपनी ने डिवाइस की प्रिवेसी में किसी भी तरह की खामी से इनकार किया है। कंपनी का दावा है कि यूजर प्रिवेसी के लिए डेटा को ट्रांसफर करते वक्त एनक्रिप्ट किया जाता है। हालांकि, आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि बेस64 एनक्रिप्शन को कुछ ही सेकंड्स में डीकोड किया जा सकता है ताकी डेटा को आसानी से पढ़ा जा सके।

शाओमी ने इस बारे में अपनी सफाई देते हुए कहा कि उसके लिए यूजर की प्रिवेसी और सिक्यॉरिटी हमेशा से प्रमुख रही है। इसके साथ ही शाओमी ने कहा कि वह यूजर के डेटा की सेफ्टी के लिए कानून का पूरी तरह से पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कंपनी ने प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कंपनी ब्राउजिंग डेटा को जुटा जरूर रही थी, लेकिन इसमें यूजर (USER) की पहचान को पहले ही डिलीट कर दिया जाता है ताकि इन्फर्मेशन (INFORMATION) और यूजर की प्रिवेसी पर कोई आंच न आए। मामले की और पड़ताल करने पर फोर्ब्स ने पाया कि शाओमी अपने यूजर के बर्ताव को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक ऐनालिटिक्स कंपनी की मदद ले रही है। इसके साथ ही शाओमी ने ऐनालिटिक कंपनी Seson Analytics से अपने संबंध की बात को भी स्वीकारा है।

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