वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में ब्लू इकोनॉमी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए सरकार इस पर जोर देगी। जानकारों का कहना है कि भारत के कुल व्यापार का तकरीबन 90 फीसदी हिस्सा समुद्री मार्ग से ही होता है।
नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में पेश किया। बजट भाषण में उन्होंने ब्लू इकोनॉमी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए इस बार मोदी सरकार इस पर जोर देगी।
जानकारों का कहना है कि भारत के कुल व्यापार का तकरीबन 90 फीसदी हिस्सा समुद्री मार्ग से ही होता है। ऐसे में ब्लू इकोनॉमी न केवल भारत के लिए सामरिक बल्कि आर्थिक लिहाज से बेहद फायदेमंद है। आइए जानते हैं, आखिर क्या है ब्लू इकोनॉमी और कैसे मिलेगा देश को इसका फायदा।
– साल 2010 में आई गुंटर पॉली की किताब ‘The Blue Economy: 10 years, 100 innovations, 100 million jobs’ में पहली बार ब्लू इकोनॉमी के कॉन्सेप्ट को महत्व मिला था। जिसमें निम्नलिखित बातें थी।
– ब्लू इकोनॉमी के तहत अर्थव्यवस्था समुद्री क्षेत्र पर आधारित होती है। जिसमें पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डायनैमिक बिजनेस मॉडल तैयार किए जाते हैं।
– ‘ब्लू ग्रोथ’ के जरिये संसाधनों की कमी और कचरे के निपटारे की समस्या का समाधान किए जाने की कोशिश होती है।
– इसमें टिकाऊ विकास को भी सुनिश्चित किया जाता है ताकि बड़े पैमाने पर मानव कल्याण की ओर ध्यान दिया जाए।
– ब्लू इकोनॉमी के तहत समुद्र भी साफ-सुथरा रखा जाएगा ताकि बड़े पैमाने पर समुद्र से उत्पादन हो।
– इस वक्त ब्लू इकोनॉमी के तहत मुख्य फोकस खनिज पदार्थों समेत समुद्री उत्पादों पर है।
– ब्लू इकोनॉमी का कॉन्सेप्ट कहीं ज्यादा व्यापक है और इसमें समुद्री गतिविधियां भी शामिल हैं।
– ब्लू इकोनॉमी का ढांचा पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि बड़े-बड़े कारगो सामान समुद्री क्षेत्र में एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जा सकते हैं और वह भी ट्रकों या रेलवे की मदद के बिना। इस एजेंडे के तहत समुद्र में पर्यावरण के अनुकूल इंफ्रास्टक्चर तैयार करना होगा।
– वहीं ऐसे में कुछ इंफ्रास्टक्चर को समुद्र की ओर शिफ्ट करना अच्छी आर्थिक और राजनीतिक रणनीति है। यह भारत में मुमकिन भी है।
– आपको बता दें, नीति आयोग ने देश की इकोनॉमी को नई दिशा देने का काम किया है। इस योजना के तहत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और लंबी समुद्री सीमाओं का भरपूर इस्तेमाल करते हुए देश को ‘ब्लू इकोनॉमी’ के तौर पर खड़ा करना है।
– भारत के कुल व्यापार का 90 फीसदी समुद्री मार्ग से ही होता है। ऐसे में ब्लू इकोनॉमी का दोहन भारत के लिए सामरिक नजरिये से फायदेमंद है।