World Soil Day 2020

आज है विश्व मृदा दिवस ,जानिए इसका इतिहास और महत्व

हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा यानी मिट्टी दिवस मनाया जाता है। इसे सबसे पहले 5 दिसंबर, 2017 को मनाया गया था। इसके लिए 20 दिसंबर 2013 को World Soil Day मनाने का फैसला लिया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को मिट्टी और उर्वरा के प्रति जागरूक करना है। आधुनिक समय में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लिए दवाओं के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जा रही है। इस उद्देश्य से भी World Soil Day मनाया जाता है। आइए, World Soil Day के बारे में विस्तार से जानते हैं-

इतिहास-

हर साल World Soil Day थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के जन्मदिन पर मनाया जाता है। इनका जन्म 5 दिसंबर को ही हुआ था। राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के बारे में कहा जाता है कि राजा भूमिबोल ने 70 साल तक थाइलैंड पर शासन किया था। इस दौरान राजा भूमिबोल ने कृषि पर विशेष ध्यान दिया था। ऐसा भी कहा जाता है कि राजा भूमिबोल अपने देश के हर गरीब और किसान से मुलाकात करते थे और उनकी समस्याओं को दूर करने का हरसंभव प्रयास करते थे।
महत्व-

दुनिया के कई देश कृषि प्रधान है। इस मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र संघ ने किसानों के हित के लिए कई अभियान चलाए हैं, जिनमें मृदा संरक्षण पर विशेष बल दिया गया है। भारत में आधी आबादी कृषि पर निर्भर है। भारत में भी मृदा संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वस्थ धरा, हरा खेत का नारा देकर आह्वान किया किसानों के हौसले को बुलंद करने की कोशिश की है। भारत में किसानों के हित के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें किसान फसल बीमा योजना प्रमुख है।

इस योजना के तहत किसानों को सालाना 3 किश्तों में 6000 रुपए दी जाती है। इसके अतिरिक्त 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिट्टी की गुणवत्ता में विशेष सुधार के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की थी। इस योजना से भी किसान लाभन्वित हो रहे हैं।

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