भारत और नेपाल के बीच नक्शा विवाद को लेकर जारी मतभेद के बाद अब नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने एक नया विवादित बयान देकर दोनो देशों के बीच नई समस्या खड़ी कर दी है। आपको बता दें बीते सोमवार के पी ओली ने दावा किया कि “वास्तविक” अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं। इतना ही नहीं नेपाली पीएम ने भागवान राम के जन्म स्थान को लेकर प्रश्न उठाते हुए कहा कि भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में हुआ था। अयोध्या में नहीं। वहीं दूसरी ओर केपी ओली के इस विवादित बयान पर भारत की ओर से भी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई बता दें केपी ओली के भगवान राम के जन्म साथान को लेकर दिए गए बयान की आलोचना करते हुए BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि भारत में भी वामपंथी पार्टियों ने लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया था। इसके साथ ही विजय सोनकर शास्त्री ने आगे कहा कि “भगवान राम हमारी आस्था के प्रतीक हैं और लोग किसी को भी इससे खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देंगे, भले ही वह नेपाल के प्रधानमंत्री हों या कोई और।”
आपको बता दें बीते सोमवार को काठमांडू में प्रधानमंत्री आवास में नेपाली कवि भानुभक्त की जयंती के मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा कि नेपाल “सांस्कृतिक अतिक्रमण का शिकार हुआ है और इसके इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।” केपी ओली ने नेपाली कवि भानुभक्त की जयंती के पर आगे कहा कि, “हालांकि वास्तविक अयोध्या बीरगंज के पश्चिम में थोरी में स्थित है, भारत अपने यहां भगवान राम का जन्मस्थल होने का दावा करता है।”
बता दें नेपाली कवि भानुभक्त का जन्म पश्चिमी नेपाल के तानहु में 1814 में हुआ था और उन्होंने वाल्मीकि रामायण का नेपाली भाषा में अनुवाद किया था। उनका देहांत सन 1868 में हुआ था।