कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। चीन से शुरू हुई ये महामारी अब सबसे ज्यादा ईटली और इरान में कहर बरपा रही है। अब तक इस महामारी की चपेट में 150 से ज्यादा देश आ चुके हैं। कोरोना वायरस से दुनिया में अबतक 6000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के बाद इटली में सबसे ज्यादा लोग इशसे प्रभावित है। इन सब के बीच अमेरिका समेत अन्य देश इस माहामारी का इलाज और इसकी दवा की खोज में लगे हैं। इस मामले पर WHO के डायरेक्टर जनरल डाक्टर टेड्रोस अधानोम, मुख्य तकनीक अधिकारी डॉ मारिया वान केरखोवा और लॉजिस्टिक पॉल मरीलानो ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। जिसमें बताया गया कि इस महामारी की रोकथाम के लिए इस वक्त 200 से ज्यादा दवाओ पर ट्रायल किया जा रहा है, साथ ही 120 देशों में 15 लाख टेस्ट किट भेजी जा चुकीं हैं। इसके साथ ही अपने मीडिया ब्रीफ WHO के डायरेक्टर टेड्रोस अधानोम ने जो जानकारी साझा की उसके मुताबिक अगर किसी का टेस्ट पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों का फौरन कोरोना का टेस्ट किया जाए।
वहीं संदिग्ध मरीजों के होम आइसोलेशन पर खतरनाक बताया। ऐसा करने से घर के अन्य सदस्यों के संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसके अलावा मरीज से आसोलेशन वॉर्ड में 2 हफ्ते तक विजिटर्स के ना आने की सलाह दी गई है।
आपको बता दें WHO की मुख्य तकनीक अधिकारी डॉ मारिया वान ने कहा कि बच्चों को इस बिमारी से बचाने पर विशेष ध्यान देने की बात कही और आगे कहा कि ‘‘कई देशों से WHO के पास रिपोर्ट आई हैं कि इससे बच्चों की मौत हो रही है. ऐसे में ज़रूर ही कि बच्चों को बचाया जाए।’’
इतना ही नहीं WHO की ओर से कहा गया कि टेस्ट के नेगेटिव आने के बाद भी संभव हो कि व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो ऐसे में दोबारा से टेस्ट करने की सलाह दी गई। वहीं जो भी डॉक्टर्स या नर्स और अन्य अस्पताल कर्मी COVID19 के पॉज़िटिव मरीज के सीधे सम्पर्क में आए हों उसे रिपीट टेस्ट की सलाह दी