BJP सरकार के कार्यकाल में यूपी में महिला अपराध चरम पर है। महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को कहा, बहराइच में एक युवती की हत्या कर सबूत मिटाने के लिए उसके चेहरे को तेजाब से जला दिया गया। बिजनौर में महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गयी और सबूत मिटाने के लिए शव के ऊपर चारपाई डालकर आग लगा दी गयी। कांग्रेस नेता ने कहा कि ये घटनाएं पिछले दिनों हैदराबाद में महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना की पुनरावृत्ति है। कानपुर में बलात्कारियों ने रेप पीड़िता की मां को जमानत से छूटने के बाद पीट-पीटकर मार डाला।
राजधानी लखनऊ में 11 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना पर पुलिस ने कार्यवाही करने के बजाय पीड़िता को ही पूरे दिन थाने में बैठाये रखा और मानसिक उत्पीड़न किया। श्री लल्लू ने कहा कि ऐसी तमाम घटनाएं हर दिन प्रदेश में हो रही हैं और सरकार यूपी अपराधमुक्त होने का झूठा दावा करके अपनी पीठ थपथपा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने एक बयान में कहा कि प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध जिस तेजी से बढ़ रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है, वह और भी चिन्ता का विषय है।
वर्ष 2017 में प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के 56011 मामले दर्ज हुए जिनमें से 11202 मामले अपहरण के, 4246 बलात्कार, 676 सामूहिक बलात्कार, तेजाब से हमला करने के पश्चात महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने के इरादे से 12607 मामले और महिलाओं की मर्यादा को ठेस पहुंचाने के 91 मामले दर्ज हुए। जिस तरह से प्रदेश में सत्ताधारी दल के नेताओं पर बलात्कार के मामले दर्ज हुए और सत्ता पक्ष के उन नेताओं को संरक्षण दिया वह सत्ता पक्ष का असली चेहरा दिखलाता है। जिसमें उन्नाव और शाहजहांपुर की घटना प्रमुख रही, जिसमें भाजपा के विधायक सहित पूर्व केन्द्रीय मंत्री तक संलिप्त रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षण में सारे अपराध हो रहे हैं। क्योंकि प्रदेश और देश में यह झूठ बोलते हैं कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक है, जबकि प्रदेश में पूरी तरीके से जंगलराज कायम हो गया है। श्री लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री करोड़ों रूपये के झूठा विज्ञापन देकर अपराधमुक्त प्रदेश होने का दावा करते हैं लेकिन आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश अपराधों में नम्बर वन है। साथ ही उप्र के अपराध का रिकार्ड है इसके लिए कहीं न कहीं सरकार के साथ ही डीजीपी भी जिम्मेदार हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसी बातें भी सुनने को मिल रहीं हैं कि इस प्रकार के असफल डीजीपी को जल्द ही रिटायरमेंट के बाद एक बड़े सरकारी पद पर नवाजे जाने की तैयारी चल रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह अक्षम साबित हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है।