बीते लोकसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस ने हार का मुंह देखा था । तब से वह इस सदमे से निकलने की कोशिश कर रही थी । काफी कुछ गंवाने के बाद अब कांग्रेस आगे की रणनीति तैयार करने में जुट गई है । फिलहाल कांग्रेस अपना पूरा फोकस महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव पर कर रही है । इसी के तहत वह इस चुनाव में दलित कार्ड खेलने को लेकर तैयार है ।
कांग्रेस आगामी चुनाव में दलित समुदाय को अपनी ओर करने के लिए प्रयासरत है । इसके तहत पार्टी विधानसभा स्तर पर अनुसूचित जाति के समन्वयकों की नियुक्ति करने वाली है । साथ ही कांग्रेस संविधान से स्वाभिमान यात्रा’ निकालने की रणनीति बना रही है । इससे पहले सोनिया गांधी ने दलितों के बीच जनाधार बनाने के लिए काम में तेजी से काम करने के निर्देश हर स्तर के कार्यकर्ताओं को दे दिए थे । इसके साथ ही कांग्रेस इसे अमलीजामा पहनाने के लिए पार्टी का अनुसूचित जाति संगठन दिल्ली में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने के मुद्दे को भी दलित समाज के बीच उठाने का प्लान बना रहा है ।
इस पूरे मुद्दे पर बोलते हुए कांग्रेल के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष नितिन राउत ने कहा कि सोनिया गांधी के निर्देश के बाद पार्टी ने दलित समाज को रिझाने के लिए कई स्तरों पर काम करना शुरू कर दिया है । इस सप्ताह महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में अनुसूचित जाति के समन्वयकों की नियुक्ति की जा सकती है ।