जम्मू कश्मीर में इंटरनेट और वाई-फाई सेवा बंद होने के बाद भी आतंकियों ने बात करने का नया तरीका निकाल लिया है।स्थानीय आतंकवादियों ने विभिन्न ऑफलाइन एप्स और हाई-एनक्रिप्टेड एनॉनमस चैट प्लेटफार्म के माध्यम से बातचीत करना शुरू करदिया है और कश्मीर के फर्जी वीडियो बना के वायरल कर रहे है।इन ऍप के चलते कश्मीर एजेंसियों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही है।
NVR 24 आम जनता से ये अपील करना चाहता है की आतंकियों की इस नापाक साजिश को कामयाब ना होने दे और उनकी भ्रामक बातो पर कतई विश्वास न करे।
ऑफ द ग्रिड चैट एप्स
इस एप्स से लोग एक-दूसरे से बिना मोबाइल नेटवर्क के वाईफाई या ब्लूटूथ के माध्यम से 100-200 मीटर की रेंज में संपर्क कर सकते हैं। ये एप्स इंटरनेट सेवा के बिना भी काम करता है.यह वाट्सएप्प और फेसबुक की तरह काम करते है ।
क्या है टॉर
टॉर लोगों की लोकेशन पता लगाने या उपयोगकर्ताओं की ब्राउजिंग आदतों पर जासूसी करने से रोकता है। यह विंडोज, मैक, लिनक्स और एंड्रायड के लिए उपलब्ध है।
मेष नेटवर्क का भी कर रहे उपयोग
जब दो या अधिक स्मार्टफोन एक दूसरे की रेंज में होते हैं ।मेष नेटवर्क तभी काम करता है .यह स्मार्टफोन के सिग्नल की मजबूती पर निर्भर करता है।इसे 100 मीटर की दूरी तक इंटरनेट या स्थानीय नेटवर्क के बिना संवाद किया जा सकता है।
फायर चैट एप
यह एक नई ऍप है।यह लोगों को एक दूसरे से जोड़कर दुनिया के किसी भी हिस्से में संचार करने में सक्षम बनाती है।यह ऍप ब्लूटूथ के जरिये फ़ोन को आपस में कनेक्ट रखती है।इस ऍप के जरिये आसानी से निजी फोन कॉल किया जा सकता है , टेक्स्ट मैसेज भेजे जा सकते हैं और फाइलों को भी साझा किया जा सकता है।