Onion shortage in haryana

अब नहीं होगी प्‍याज की किल्‍लत,जानिए क्यो

आजकल प्‍याज के भाव आसमान छू रहे हैं और इसने आम लोगों को परेशान कर दिया है। यह हालत अमूमन हर साल होती है। अब भविष्‍य में इस हालत में सुधार होगा और Onion की फसल जल्‍द तैयार होगी। हरियाणा के करनाल स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान क्षेत्रीय केंद्र (एनएचआरडीएफ) ने Onion की नई किस्‍म तैयार की है। इस किस्‍म की Onion की फसल महज 75 दिन में तैयार होगी। इससे समस्‍या का काफी हद तक समाधान निकलेगा और Onion की किल्‍लत दूर होगी।

संस्थान के उप निदेशक डा. बीके दूबे का दावा है कि देश में इसे कम समय में तैयार होने वाली Onion की कोई अन्य किस्म नहीं है। यह किस्म कम समय में अधिक पैदावार देने वाली है। इससे एक हेक्टेयर में महज 75 दिनों में 350 से 400 क्विंटल Onion की पैदावार आसानी से ली जा सकती है। फिलहाल इसका परीक्षण चल रहा है।


नेशनल ब्यूरो आफ प्लांट एंड जेनेटिक रिसोर्स पूसा नई दिल्ली की ओर से इस किस्म को नेशनल आइडिंटिटी नंबर मिल चुका है। जल्द ही यह किसानों के बीच होगी। आल इंडिया नेटवर्क प्रोग्राम आफ ऑनियन एंड गाíलक के अंर्तगत इस किस्म का परीक्षण किया जा चुका है। एनएचओ-920 नाम की यह जल्द ही रिलीज हो सकती है। दिसंबर माह में इसकी रोपाई हो सकती है।

एनएचओ-920 किस्म की अन्य विशेषताएं


इस किस्म में दड़ू नहीं निकलता, अब तक जितनी भी वैरायटी आई हैं, सभी में दड़ू निकलने की समस्याएं हैं।

  • फसल की मैच्योरिटी के समय सारे पौधे अपने आप जमीन पर गिर जाते हैं, इससे भंडारण अच्छा होता है, ज्यादा काट-छांट नहीं करनी होती।
  • भंडारण में अब तक की सबसे लंबी चलने वाली उत्तम किस्म है।

NHRDF क्षेत्रीय केंद्र के मुताबिक प्रदेश के विभिन्न किसानों को 50 किलोग्राम बीज वितरित किया गया है। इन किसानों के कांटेक्ट नंबर भी लिए गए हैं। सभी से प्याज की फसल की रोपाई से लेकर मैच्योर होने तक पूरा फीडबैक लिया जाएगा।


चार साल के प्रयास के बाद मिली कामयाबी

राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान क्षेत्रीय केंद्र सलारू के डिप्टी डायरेक्टर डा. बीके दूबे ने कहा कि किसी भी फसल को तैयार होने में पांच दिन का भी अंतराल आ जाए तो वह बहुत बड़ी बात होती है। हमने चार साल अथक प्रयास कर प्याज की एनएचओ-920 किस्म महज 75 दिन में तैयार की उपलब्धि हासिल की है। इससे किसानों को काफी समय ओर मिल जाएगा। खास बात यह भी है कि इसमें दड़ू नहीं निकलता। उत्पादन भी अच्छा होगा और भंडारण भी आसानी से होता है। इस किस्म को नेशनल आइडिंटिटी नंबर मिल चुका है।

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