4 नहीं 40,000 लोगों की कहानी है ‘Dunki’, आखिर कैसे पूरी होती है अमेरिका-ब्रिटेन की ये यात्रा?

‘पठान’ और ‘जवान’ के बाद अब शाहरुख खान की ‘डंकी’ को लेकर काफी क्रेज है. अब तक सामने आई जानकारी के हिसाब से ये पंजाब के 4 ऐसे दोस्तों की कहानी है जो लंदन जाकर बसना चाहते हैं. लेकिन असल में ये 4 नहीं बल्कि 40,000 से ज्यादा लोगों की कहानी है, उनका दर्द है. जानें ‘डंकी’ और ‘डंकी फ्लाइट’ के बारे में सबकुछ…

शाहरुख खान क्रिसमस पर अपनी नई फिल्म ‘डंकी’ के साथ बॉक्स ऑफिस पर डंका बजाने को तैयार हैं. वह पहली बार राजकुमार हिरानी के डायरेक्शन में काम कर रहे हैं. इस फिल्म की कहानी में 4 ऐसे लोगों की है जो लंदन जाकर बसना चाहते हैं. इसके लिए वह ‘अवैध इमीग्रेशन’ का रास्ता चुनते हैं और शाहरुख खान इसमें उनकी मदद करते हैं. ‘अवैध इमीग्रेशन’ के इसी तरीके को ‘डंकी फ्लाइट’ कहा जाता है. आखिर कैसे तय होता है ये ‘अवैध’ सफर, चलिए समझते हैं…

‘डंकी’ फिल्म में ये भले 4 लोगों के अवैध तरीके से लंदन जाने की कहानी हो. लेकिन असल में हर साल हजारों भारतीय लंदन, कनाडा और अमेरिका के लिए इसी तरह यात्रा करते हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पिछले साल ही करीब 42,000 भारतीयों ने अमेरिका में अवैध तरीके से एंट्री ली थी. भारत में अब ये करोड़ों रुपए का धंधा बन चुका है.

ऐसे होता है ‘डंकी फ्लाइट’ का सफर

अच्छे जीवन की तलाश में भारत से लोग ‘डंकी फ्लाइट’ लेते हैं. ‘डंकी’ शब्द एक पंजाबी मुहावरे से आता है, जिसका मतलब एक स्थान से दूसरे स्थान तक हॉपिंग करके कहीं पहुंचना होता है. ये ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में ‘बैक डोर एंट्री’ लेने का रूट है.

‘डंकी फ्लाइट’ लेने वाले लोग अवैध ट्रैवल और इमीग्रेशन एजेंट्स की सहायता लेते हैं. ये लोग एक फिक्स फीस लेकर लोगों को दूसरे देश में स्मगल करते हैं. शाहरुख खान ‘डंकी’ में ऐसा ही एक किरदार अदा कर रहे हैं. आम तौर पर विदेश जाने वाले इन लोगों में श्रमिक या वो लोग होते हैं जो वहां काम करके घर पैसे भेज सकें. ये लोग वहां नर्स, ड्राइवर और स्टोर मैनेजर जैसे काम करते

विदेश में बसने की ख्वाहिश पूरी करने के लिए लोग यहां अपना घर-बार, संपत्ति तक बेच देते हैं. अधिकतर लोगों की कोशिश यूरोपीय यूनियन का ‘शेनजेन वीजा’ लेने की होती है, ताकि यूरोप के 25 देशों में आ-जा सकें और वहां से यूनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन में एंट्री ले सकें.

जोखिम भरा होता है ‘डंकी फ्लाइट’ का सफर

‘डंकी फ्लाइट’ से होने वाला सफर काफी जोखिम भरा होता है. इसमें अलग-अलग देशों की सिक्योरिटी द्वारा पकड़े जाने, जेल में डाले जाने या वापस देश भेजने का खतरा होता है. इतना ही नहीं इस रास्ते जाने वालों को कई-कई दिन तक पैदल भी चलना पड़ता है. कोलंबिया और पनामा के डेरियन गैप से लेकर इंग्लिश चैनल के बर्फीले पानी में छोटी-छोटी नाव से सफर तय करना होता है।

पंजाब-हरियाणा-यूपी-राजस्थान तक फैला कारोबार

विदेशों में अच्छी जिंदगी की चाहत लोगों को इस ‘जोखिम भरे’ रास्ते से अवैध यात्रा करने का जुनून देती है. इसने भारत में अवैध ट्रैवल और इमीग्रेशन एजेंट का एक बड़ा कारोबार खड़ा कर दिया है. पहले ये सिर्फ पंजाब से होता था, लेकिन अब इसकी जड़ें हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक फैल चुकी हैं.

‘बजरंगी भाईजान’ से सीमा हैदर तक ने ली ‘डंकी फ्लाइट’

फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में सलमान खान राजस्थान में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की बाड़ के नीचे से पाकिस्तान में दाखिल होते हैं. वहीं नोएडा के रब्बूपुरा में सीमा हैदर नेपाल के रास्ते पाकिस्तान से भारत पहुंचती हैं. ये दोनों ही मामले एक तरह से ‘डंकी फ्लाइट’ के हैं. ये सभी अवैध इमीग्रेशन के दायरे में आते हैं.

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