उत्तरप्रदेश में कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार रात एक बजे दबिश देने गई पुलिस टीम पर फायरिंग करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 17 साल पहले उसने 2003 में थाने में घुसकर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री ली। नगर पंचायत का चुनाव भी जीता था। 2017 में लखनऊ में STF ने कृष्णा नगर से उसे दबोचा था।
बदमाशों का गैंग बनाया
विकास कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव का रहने वाला है। उसने बदमाशों की गैंग तैयार की और खुद सरगना बन गया। कानपुर नगर और देहात तक लूट, डकैती और हत्या जैसे अपराधों को अंजाम देता रहा है। 2000 में उसने शिवली के ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी थी। इसमें उम्रकैद हुई। ऊपरी अदालत से जमानत पर बाहर आया।
राज्यमंत्री की हत्या
बताया जाता है कि विकास अपराध के रास्ते पर चलते हुए कुछ नेताओं के संपर्क में भी आया। 2003 में शिवली थाने के अंदर घुस कर उसने श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमेन रहे और राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल की गोली मारकर हत्या कर दी। गवाह नहीं मिले तो विकास बरी हो गया। उसका ब्राह्मण शिरोमणि पंडित विकास दुबे के नाम से फेसबुक पेज भी है।
नगर पंचायत चुनाव जीता
2002 में जब प्रदेश में बसपा सरकार थी तो विकास का खौफ बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां और चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में भी था। 2018 में विकास ने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था। 2004 में केबल कारोबारी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। जेल से ही उसने शिवराजपुर से नगर पंचायत का चुनाव जीत लिया। इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम है।