एक और बड़ी वारदात को तैयार था विकास, हो रही थी असलहों की खरीदारी, गुर्गों ने की थी डील

विकास दुबे के गुर्गों के फरीदाबाद में पकड़े जाने के मामले में एक अहम खुलासा हुआ। बताया जा रहा है कि फरीदाबाद पुलिस ने असलहा तस्कर बनकर बदमाशों से सौदा किया था। तय समय पर डील करने पहुंची और दबिश दी। पुलिस के इस जाल में फंसकर विकास का गुर्गा प्रभात मिश्र व पनाह देने वाले पिता-पुत्र दबोच लिए गए थे।

मगर विकास पहले ही चला गया था। विकास कोई और बड़ी वारदात करने की फिराक में था। पुलिस के मुताबिक वारदात के बाद दिल्ली और हरियाणा में भी अलर्ट जारी किया गया था। फरीदाबाद पुलिस ने मिले इनपुट पर काम करना शुरू किया।

तभी उसकी बातचीत विकास के गुर्गे प्रभात मिश्र से हुई। फरीदाबाद पुलिस ने असलहा तस्कर बनकर उससे बातचीत की थी। प्रभात ने सेमी ऑटोमैटिक असलहों की मांग की थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक विकास ने तय किया था कि जब पुलिस उसको पकड़ने का प्रयास करेगी तो वो फिर हमला करेगा।

इसलिए वो असलहों की खरीदारी कर रहा था। प्रभात ने डील तय की। इस बीच विकास वहां से निकल गया। इसके बाद मंगलवार को पुलिस ने फरीदाबाद में दबिश देकर प्रभात, अंकुर और श्रवण को गिरफ्तार किया। फरीदाबाद पुलिस को अंदाजा नहीं था कि विकास फरार हो जाएगा।

विकास और अमर दुबे दोनों फरीदाबाद में थे। दोनों को शक हुआ कि शायद पुलिस उस तक पहुंच जाए। इसलिए उसने तुरंत वहां से निकलने की योजना बनाई। वो सोमवार को ही फरीदाबाद से उज्जैन चला गया था। अगर वो वहां से न निकला होता तो उसी दिन वो फरीदाबाद पुलिस के हत्थे चढ़ जाता।

पुलिस के मुताबिक विकास मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहा था। जब भी उसे अपने करीबी या गुर्गे से बात करनी होती थी तो वो राह चलते लोगों से एक कॉल करने की बात कह कर मोबाइल लेकर बात कर लेता था। फरारी के दौरान कुछ इसी तरह से शातिर अंदाज में पुलिस से बचता रहा। यही कारण रहा कि पुलिस उसको ट्रेस नहीं कर पाई।

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