VIKAS DUBEY GANGSTER KILLED MORE THEN DOZEN PEOPLE

विकास खत्म, कहानी खत्म, अफसर-नेताओं का राज दफन

दुर्दांत विकास दुबे के खात्मे के साथ ही तमाम राज भी दफन हो गए। अगर जिंदा रहता तो प्रदेश और देश के कई बड़े नेता (अलग-अलग पार्टियों के), कारोबारी और नामचीन हस्तियां बेनकाब होतीं। पता चलता कि किस तरह से नेता, पुलिस और अपराधियों का गठजोड़ चल रहा था। इन्हीं लोगों की सरपरस्ती और मदद से विकास दुबे ताकतवर और खूंखार अपराधी बना।

हत्या, हत्या के प्रयास, लूट समेत उस पर 100 से भी अधिक केस हुए। जेल जाता रहा, बेल मिलती रही, और उसका सफर बदस्तूर जारी रहा। विकास दुबे शुरू से ही राजनीति में रहा। डेढ़ दशक तक वो ग्राम प्रधान रहा। आज भी प्रधानी उसके घर में ही है। सबसे पहले वो BSP से जुड़ा। करीब 15 साल तक BSP से जुड़ा रहा। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य भी रहा। BSP सुप्रीमो से लेकर पार्टी के पावरफुल नेताओं से उसका सीधा संपर्क रहा।

इसके बाद SP और BJP नेताओं की सरपरस्ती में पनपता रहा। स्थानीय BJP के 2 विधायक भी उसके बेहद करीबी हैं। वहीं सांसद भी उसके रुतबे के कायल थे। चुनाव हो या किसी अन्य मामले में समर्थन की जरूरत पड़े तो ये सभी जनप्रतिनिधि विकास का दरवाजा जरूर खटखटाते थे।

कुछ यही हाल समाजवादी पार्टी के नेताओं व जनप्रतिनिधियों का रहा है। विधायक, सांसद, प्रदेश अध्यक्ष या अन्य किसी पद पर बैठे पार्टी के लोग विकास दुबे के करीबी रहे हैं। विकास जो कहता था वो ये करते थे। पार्टी में फंड भी देता था। शहर के दो सपा विधायक भी उसके नजदीकी हैं। सोशल मीडिया पर उनकी फोटो भी वायरल हो चुकी हैं। 

विकास राजनीति में सक्रिय रहा। पार्टी कोई भी मिले, उसका मकसद राजनीति करना था। इलाके में दहशत बनाई, जिससे वोट बैंक इकट्ठा किया और उसी बल पर पार्टियों से डील करता रहा। राजनीति से जुड़े पुराने लोग बताते हैं कि विकास BSP सुप्रीमो मायावती से सीधे मिलता था। इससे उसकी हनक का अंदाजा लगाया जा सकता था।

विकास ने अपने इलाके के 2 दर्जन गांवों में दहशत फैला रखी थी। वो जो कहता था, ग्रामीण वही करते थे। ग्राम प्रधान कौन बनेगा, ये भी वही तय करता था। जब विधायकी और सांसदी का चुनाव होता था तो जिसे वो समर्थन देता था, इन गांवों का वोट एकजुट उसी को जाता था। इसलिए नेता भी नतमस्तक रहते थे।

एनकाउंटर में शामिल पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विकास के लिंक बहुत लंबे थे। क्या नेता, क्या कारोबारी और क्या पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी। सभी उसकी पैरवी में लगे थे। अगर वो बोलता, तो न जाने कितने लोग बेनकाब हो जाते। पुलिस अधिकारी के इस बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूछताछ में विकास ने कई बड़े राज खोले थे। हालांकि वे अभी सामने नहीं आ सके। तीन साल पहले भी जब वह पकड़ा गया था, तब STF की पूछताछ में कइयों को बेनकाब किया था।

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