is there any law on encounters?

Vikas Dubey Encounter: स्क्रिप्ट अधूरी है, कहानी बिल्कुल फिल्मी है

उज्जैन में नाटकीय ढंग से विकास की गिरफ्तारी के बाद उसके मारे जाने की कहानी भी किसी फिल्म से कम नहीं लग रही। विपक्षी पार्टियां ही नहीं अब तो आम जनता भी एनकाउंटर पर काउंटर (सवाल उठाना) कर रही है। 

सवाल उठना लाजमी भी है, क्योंकि मुठभेड़ से पहले जिस तरह से घटनास्थल से थोड़ा पहले बारा टोल प्लाजा पर बैरियर लगाकर मीडियाकर्मियों और अन्य वाहनों को रोका गया, उससे पुलिस और STF की कार्रवाई शक के घेरे में आ रही है। इसी तरह कार का पलटना और भारी भरकम फोर्स के होने के बाद भी विकास का पिस्टल लूटकर भागना। ऐसे तमाम सवाल हैं जो सोचने पर मजबूर कर रहे कि एनकाउंटर की स्क्रिप्ट पहले से तो नहीं लिख ली गई थी? खैर जो भी था, इतने पेंच फैले हैं की लगता है- स्क्रिप्ट अधूरी है लेकिन हाँ कहानी पूरी फ़िल्मी है।

अब जानते हैं उठते सवालों का कारण:-

कारण एक: विकास के शरीर पर नहीं थी बुलेट प्रूफ जैकेट
उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे को जब UP पुलिस और STF के सुपुर्द किया था, तब उसे बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाई गई थी। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की थी। लेकिन जब विकास मारा गया तो उसके शरीर पर जैकेट नहीं थी। आखिर जैकेट कहां है? क्यों उतारी गई या कहीं जबरन तो विकास से नहीं उतरवाई गई।

कारण दो: बारा टोल प्लाजा पर बैरियर लगाकर मीडिया को रोका जाना
कई मीडियाकर्मी उज्जैन से ही STF व पुलिस के पीछे लग गए थे। एक क्षेत्र खत्म होता तो दूसरे क्षेत्र के मीडियाकर्मी पीछे लग जाते। सुबह करीब 6:15 बजे पुलिस ने कानपुर देहात का बारा टोल प्लाजा पार किया। इसके बाद बैरियर लगाकर मीडियाकर्मियों और अन्य लोगों की आवाजाही रोक दी गई। इसके आधे घंटे के भीतर ही विकास मारा गया। 

कारण तीन: विकास सफारी में था, पलटी TUV-100 
उज्जैन से विकास को सफारी से लाया जा रहा था। कई जगह पर मीडिया ने अपने कैमरों में कैद भी किया। टोल प्लाजा पार करने के दौरान भी विकास सफारी में था। कुछ देर बाद पता चला कि पुलिस की महिंद्रा TUV 100 कार पलटी है। STF और पुलिस का दावा है कि विकास इसी में बैठा था। इस वजह से भी मुठभेड़ पर सवाल उठ रहे हैं। 

कारण चार: घटनास्थल पर क्यों नहीं मिले हादसे के निशान
पुलिस ने जहां पर गाड़ी पलटने का दावा किया वहां पर एक्सीडेंट के कोई निशान नहीं मिले हैं। आसपास के लोगों का भी यही कहना था कि कोई हादसा नहीं हुआ। ऐसे में समझ से परे है कि आखिर TUV कार पलटी कब और कैसे? फिलहाल इसका भी जवाब किसी अधिकारी से नहीं मिल सका है।

कारण पांच: कार में खुला बैठा था विकास, हथकड़ी क्यों नहीं लगाई?
विकास दुबे पर 5 लाख का इनाम था। प्रदेश के टॉप-थ्री बदमाशों में था। 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर फरार था। ऐसे में उसे कार के भीतर बगैर किसी बंदिश के क्यों बैठाया गया। उसके हाथ में न तो हथकड़ी थी और न ही किसी अन्य चीज से बंधे थे। इतने कुख्यात बदमाश को इतनी ढील क्यों दी गई?

कारण छह: प्रभात और विकास की मुठभेड़ में कई समानताएं
गुरुवार सुबह पुलिस व STF ने पनकी में आरोपी प्रभात मिश्रा को मुठभेड़ में मारा था। इन दोनों मुठभेड़ में कई समानताएं हैं। पनकी में जीप खराब हुई तो भौंती में TUV-100 पलटी। पनकी में जहां जीप खराब होना दिखाया वहां अंडरपास था, ताकि बताया जा सके कि बदमाश यहां से भागा। इसी तरह भौंती में जहां गाड़ी पलटनी दिखाई गई वहां भी हाईवे किनारे की रेलिंग टूटी थी।

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