Citizenship Act protest

दिल्ली दंगों का मास्टरमाइंड उमर खालिद गिरफ्तार

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगा केस के मुख्य आरोपित उमर खालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया। उमर जेएनयू का पूर्व छात्र है। उस पर दंगे की साजिश रचने और लोगों को भड़काने का आरोप है। उमर पर देशद्रोह के भी मामले दर्ज हैं। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक रविवार को सेल ने Umar Khalid को पूछताछ के लिए लोधी कॉलोनी स्थित दफ्तर बुलाया था। यहां करीब 11 घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद सेल ने उमर को गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उमर के परिजनों को भी गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई। इससे पहले भी उमर से स्पेशल सेल पांच बार पूछताछ कर चुकी है। उमर दंगे का मुख्य आरोपित है।

आरोप है कि उसने दंगे से एक सप्ताह पहले जामिया नगर में पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन, राजधानी पब्लिक स्कूल के मालिक फैजल फारुख के साथ बैठक करके साजिश रची थी। इस बैठक में दंगा भड़काने लिए धन एकत्र करने की जिम्मेदारी उमर ने ली थी। इसके बाद उसने धन एकत्र करके ताहिर हुसैन व अन्य दंगाइयों को मुहैया कराया था। दंगे के दौरान देवबंद व अन्य स्थानों से दंगाई बुलाए गए थे।


यही नहीं, उमर ने CAA और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में देश के कई राज्यों में भ्रमण करके छात्रों को भड़काया था। महाराष्ट्र में लोगों को भड़काते हुए उसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। Umar Khalid के जरिये ही पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य देवांगना कलिता और नताशा नरवाल दंगे की साजिश में शामिल हुई थी।

वहीं, गुलफिशा फातिमा को उसने महिलाओं को भड़काने की जिम्मेदारी दी थी। इन छात्राओं ने भी पूछताछ के दौरान Umar Khalid के दंगे में शामिल होने की बात कबूल की थी। इसके बाद से स्पेशल सेल उमर के खिलाफ सुबूत एकत्र कर रही थी। इसी के चलते पूर्व में भी पूछताछ की गई थी।
उमर खालिद पर लगे हैं कई गंभीर आरोप

Umar Khalid पर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर के लोगों को जनवरी से ही देश के खिलाफ लोगों को भड़काने का काम शुरू करने का आरोप है।
उमर ने कई राज्यो में जाकर छात्रों को भड़काने की कोशिश की थी।
दिल्ली में दंगा शुरू होने से कुछ दिन पहले इसने जाकिर नगर में गोपनीय मीटिंग की थी। इस मीटिंग में ताहिर हुसैन, इंडिया अगेंस्ट हेट के संयोजक खालिद सैफी, राजधानी पब्लिक स्कूल के मालिक फैजल फारुख आदि शामिल थे।
इसमें ताहिर को उमर खालिद ने फंडिंग का भरोसा दिया था और इसके अगले दिन पीएफआइ के जरिये करोड़ों रुपये की फंडिंग की गई थी।

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