हरियाली तीज कल यानी कि 23 जुलाई को है। सुहागिन महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु की कामना करते हुए व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। हरियाली तीज हर साल सावन के महीने में पड़ता है। इस माह में पूजा पाठ और त्योहार का बड़ा ही महत्व होता है। महिलाएं हरियाली तीज का निर्जल व्रत रखती हैं यानी कि बिना पानी पिए हुए। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो सेहत को ध्यान में रखते हुए हमारी सलाह है कि आप व्रत न रखें लेकिन अगर आपकी भावनाएं व्रत से जुड़ी है और आप यह व्रत रखना ही चाहती हैं तो हरियाली तीज का व्रत रखते समय आपको इन बातों का ख़ास ख्याल रखना जरूरी है ताकि आप और आपका शिशु सेहतमंद रहे….
निर्जल व्रत ना रखें
गर्भावस्था में हरियाली तीज का व्रत करते वक्त इस बात का ख्याल रखें कि निर्जल व्रत ना रखें। क्योंकि ऐसे समय में आपके और शिशु के लिए पानी बेहद जरूरी है।
पेय पदार्थ लेते रहें
गर्भावस्था में हरियाली तीज में नारियल पानी, दूध व जूस जैसे पेय पदार्थ लेते रहें ताकि शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों को कमी ना हो पाए।
खाली पेट चाय, दूध या कॉफी का सेवन ना करें
अगर आप गर्भावस्था में हरियाली तीज का उपवास रख रही हैं तो इस बात का बेहद ख्याल रखें कि खाली पेट चाय, दूध या कॉफी का सेवन ना करें। इससे पेट में गैस या दर्द की समस्या भी पैदा हो सकती है।
हरियाली तीज का व्रत खोलने से पहले एक ग्लास जूस या नारियल पानी लें। इसके बाद ही कुछ हल्का आहार ग्रहण करें।
डॉक्टर से सलाह लें
हरियाली तीज का व्रत करते समय अगर आपको कमजोरी लगे या कुछ अटपटा महसूस हो तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें ताकि आप और आपका शिशु सुरक्षित रहे।
हरियाली तीज पर किन बातों का रखें ध्यान –
हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं। यह उनके पति के दीर्घायु, सेहतमंद और खुशहाल होने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं हरे रंग का प्रयोग प्रमुखता से करती हैं।
- हरियाली तीज पर मायके वाले बेटी को साड़ी, श्रृंगार सामग्री, मिठाई, फल आदि भेजते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
- यह व्रत निर्जला होता है। व्रत में पानी नहीं पीते हैं। हालांकि गर्भवती और बीमार महिलाओं पर यह लागू नहीं होता।
- आज के दिन व्रत रहने वाली स्त्री को हरियाली तीज की व्रत कथा सुननी चाहिए। इससे व्रत पूर्ण माना जाता है।
- यह व्रत पति की लंबी आयु और उसकी खुशहाली के लिए होता है। ऐसे में अपने जीवनसाथी से छल कपट या झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- इस व्रत में सफेद और काले वस्त्रों का प्रयोग वर्जित माना गया है।
- इस दिन आपको तीज माता यानी माता पार्वती के गाने, कथा, कहानियां सुनना चाहिए।
- ऐसा भी प्रचलन है कि तीज के व्रत में सोना नहीं चाहिए। रात्रि में देवी माता का भजन कीर्तन करें।
- हिन्दू धर्म के कहा गया है कि व्यक्ति को मन, कर्म और वचन से शुद्ध होना चाहिए। अर्थात् किसी के बारे में बुरा न सोचें, गलत कार्य न करें और किसी के प्रति गलत भाषा का प्रयोग न करें।
- हरियाली अर्थात् प्रकृति। माता पार्वती प्रकृति का स्वरुप मानी गई हैं। ऐसे में व्रत रखने वालों को किसी भी प्रकार से प्रकृति या पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।