केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ देशभर के कई हिस्सों में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली में किसान आंदोलन (Farmers Protest) का असर बिहार (Bihar) में भी दिखने लगा है। राज्य के अलग-अलग जिलों से आए किसानों ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को राजभवन की ओर मार्च किया। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और अन्य लेफ्ट संगठनों के सदस्यों ने राजभवन मार्च आयोजित किया।
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इनकी संख्या हजारों में है. किसानों और किसान संगठनों को डर सता रहा है कि नए कानून की वजह से कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों का प्रभाव बढ़ जाएगा और उनकी (किसान) आमदनी कम हो जाएगी।
प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द या निरस्त किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दी जाए। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन ये बैठकें बेनतीजा रहीं। सरकार नए कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने में फिलहाल विफल रही है। अगले दौर की बातचीत के लिए 40 किसान संगठनों के नेताओं को 30 दिसंबर को बुलाया गया है।
इस बीच, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि कल जो वार्ता होगी, उसमें हम एक समाधान तक पहुंचेंगे। आज देश के अंदर जो करोड़ों किसान हैं वो इस कानून का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि ये कानून किसानों को आज़ादी देने वाला कानून ह। “