तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में एक नया मोड़ आया है। तबरेज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये पता चला है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। पुलिस ने तबरेज अंसारी के अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए पिछले महीने चार्जशीट में धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया था. इसमें ये बताया गया कि तबरेज की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई. ऐसे में हत्या का मामला नहीं बनता है…
सरायकेला- खरसावां. झारखंड पुलिस ने तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में दायर आरोपपत्र में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप को हटा दिया है. बता दे्ं कि करीब दो महीने पहले सरायकेला-खरसावां में चोरी के आरोप में हिंसक भीड़ ने तबरेज अंसारी की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस मामले में तबरेज की पत्नी की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया था. लेकिन अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए पुलिस ने पिछले महीने (अगस्त) में चार्जशीट में धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया था. इसमें ये बताया गया कि तबरेज की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई. ऐसे में हत्या का मामला नहीं बनता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरायकेला-खरसावां के एसपी कार्तिक एस ने कहा, ‘हमने दो कारणों से आईपीसी की धारा 304 के तहत आरोप पत्र दायर किया. एक, वह मौके पर नहीं मरा. ग्रामीणों का अंसारी को मारने का कोई इरादा नहीं था. दूसरा, मेडिकल रिपोर्ट में हत्या के आरोप की पुष्टि नहीं हुई. अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि अंसारी की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई।
चोरी का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने बुरी तरह की थी पिटाई
बता दें कि इसी साल 18 जून को सरायकेला-खरसावां के धातकीडीह गांव में भीड़ ने तबरेज अंसारी को एक पोल से बांध दिया था. उस पर चोरी का आरोप लगाकर बुरी तरह पिटाई की गई और कथित तौर पर उसे ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ का नारा लगाने को मजबूर किया गया. हमले के बाद पुलिस ने अंसारी को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. चार दिन बाद उसे एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को आरोपी बनाया है.