योगी सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya News) के इस्तीफा देते ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) की सियासत में देखते ही देखते भूचाल आ गया. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए आज का दिन सियासी लिहाज से अच्छा नहीं रहा. भारतीय जनता पार्टी को न केवल स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya News) के रूप में बड़ा झटका लगा, बल्कि बांदा के तिंदवारी सीट से भाजपा विधायक बृजेश प्रजापति ने भी इस्तीफा दे दिया है. अब खबर है कि स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के साथ कई और भाजपा विधायक और मंत्री पाला बदल सकते हैं और सपा का दामन थाम सकते हैं. अचानक बीजेपी में मची इस भगदड़ के मद्देनजर अब अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं. भाजपा आलाकमान नाराज नेताओं को मनाने की कवायद में जुट गया है.
खुद अमित शाह ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल को नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी दी है. सूत्रों के मुताबिक, अभी कम से कम पांच भाजपा विधायक और हैं, जिनका इस्तीफ़ा हो सकता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पिछड़े दलित वर्ग के इन विधायकों से स्वामी प्रसाद मौर्य की पहले ही बात हो चुकी है. सभी समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने की कोशिश में हैं. जानकारी के मुताबिक, इन सभी विधायकों को सपा से टिकट का आश्वासन है. हालांकि, भाजपा इस बड़े झटके को संभालने की कोशिशों में जुटी हुई है. बीजेपी के नेता इन्हें समझाने में लगे हुये हैं. अमित शाह ने अपने प्रमुख नेताओं को नाराज नेताओं को समझाने को कहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ समेत डिप्टी सीएम और कई नेता इस वक्त दिल्ली में हैं, मगर बदलते सियासी हालात पर नज़र रखे हुए हैं.
भारतीय जनता पार्टी को कितना बड़ा झटका लगेगा, इसका असली अंदाजा अब से कुछ देर बाद होगा. क्योंकि आज समाजवादी पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव सपा कार्यालय में अचानक पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि आज शाम में समाजवादी पार्टी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है और भाजपा से आए नेताओं का स्वागत भी कर सकती है. सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा से आए नेता भी शामिल हो सकते हैं. इधर, स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के बाद यूपी की सियासत की तस्वीर महज घंटे-दो घंटे में ही बदल गई. स्वामी के बाद बांदा के तिंदवारी सीट से भाजपा विधायक बृजेश प्रजापति ने इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या जी शोषित पीड़ितों की आवाज और वह हमारे नेता हैं, मैं उनके साथ हूं. सूत्रों की मानें तो योगी सरकार के एक-दो और मंत्री और कुछ बीजेपी विधायक सपा के संपर्क में हैं. समाजवादी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद इन नेताओं के नाम पर से पर्दा हट सकता है.
यूपी की सियासत में उस वक्त भूचाल आ गया, जब शाहजहांपुर के तिलहर से बीजेपी विधायक रोशन लाल खुद स्वामी प्रसाद मौर्य का त्याग-पत्र लेकर राजभवन पहुंचे थे. उन्होंने मौर्य की चिट्ठी दिखाते हुए कहा, ‘स्वामी जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था, इसलिए नहीं आए. हम इसके बाद इस्तीफा देंगे.’इसके बाद खुद स्वामी प्रसाद मौर्य ने संकेत दिया कि भाजपा को अभी और झटके लगेंगे. उन्होंने कहा कि अभी तो खेला शुरू हुआ है, एक-दो दिन होने दीजिए, परिणाम सामने आ जाएगा. बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2017 में भाजपा का दामन थामा था और पडरौना सीट से विधायक बने थे. वह पडरौना सीट से लगातार तीन बार से विधायक हैं. भाजपा में आने से पहले वह सपा में थे और सपा से पहले वह बसपा में थे.
सूत्रों की मानें तो आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी भी समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं. इतना ही नहीं, कानपुर देहात से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर को स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर देखा गया है. साथ ही मंत्री दारा सिंह चौहान भी भाजपा छोड़ सकते हैं. इतना ही नहीं, तिलहर से भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा भी सपा में जा सकते हैं. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर भाजपा अपनी पार्टी में मची इस भगदड़ को कैसे रोकती है. अगर सिलसिला यूं चलता रहा तो सपा के पक्ष में हवा बनते देर नहीं लगेगी और यूपी चुनाव के नतीजे मौजूदा चुनावी सर्वे के उलट चौंकाने वाले भी हो सकते हैं.