राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को न जनता की अदालत पर भरोसा है, न न्यायपालिका पर. इसलिए हमेशा तांत्रिकों-बाबाओं के संपर्क में रहते हैं। चारा घोटाला में सजायाफ्ता RJD प्रमुख ने आधी सजा भी जेल में नहीं काटी।
इसलिए कोर्ट ने जमानत की अर्जी खारिज कर दी। उनकी पार्टी के अनुभवहीन वंशवादी उत्तराधिकारियों को जनता ने लगातार दो चुनावों में नकार दिया। वे तांत्रिक से पूछ कर कुर्ते का रंग तय करते हैं, लेकिन यह नहीं पूछते कि किसी गरीब को कुली-चपरासी की नौकरी देने के बदले उसकी जमीन लिखानी चाहिए या नहीं।
सांसद ने कहा है कि 2019 के संसदीय चुनाव में राजद का खाता नहीं खुला और 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 6 सीटें गंवा कर 75 सीट पर आ गयी। किसी भी हथकंडे से सत्ता पाने की बेचैनी ने उन्हें जनादेश स्वीकार नहीं करने दिया।
सुमो ने कहा कि वे कभी विधायक तोड़ने तो कभी किसी दल को झूठे ऑफर देने का पासा फेंकने लगे। अब लालू-राबड़ी एक तरफ नास्तिक वामपंथियों के ‘सेक्यूलर-प्रगतिशल’ दोस्त हैं, तो दूसरी तरफ बाबाओं के चरणपूजक अंधभक्त। लालू प्रसाद का दोहरा चरित्र सबके सामने है।
रविवार को राबड़ी देवी के आवास पर आए स्वामी श्री श्रद्धानंद महाराज पहुंचे सुर्खियों में छाए हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वामी श्रद्धानंद महाराज उत्तर प्रदेश के चुनार मिर्जापुर से आए थे। उन्होंने राबड़ी देवी से मुलाकात कर उन्हें गीता व प्रसाद दिया। श्रद्धानंद महाराज अपने गुरू के द्वारा भेजे प्रसाद को पहुंचाने आए थे। उन्होंने कहा कि RJD सुप्रीमो लालू यादव गुरुजीस के शिष्य हैं। वो स्वामी जी के आश्रम हमेशा जाते रहे हैं।