आपराधिक उम्मीदवारों के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा एक्शन लिया है. बीजेपी-कांग्रेस समेत 10 पार्टियां अवमानना की दोषी साबित हुईं और कोर्ट ने ये स्पष्ट कहा कि तय समय में आपराधिक उम्मीदवारों की जानकारी देनी होगी.
बिहार चुनाव (Bihar Election) के दौरान उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड ना बताना बीजेपी, कांग्रेस समेत 10 राजनीतिक दलों को महंगा पड़ गया. सुप्रीम कोर्ट ने अवमनानना का दोषी माना और 5 लाख तक का जुर्माना लगाया.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि राजनीतिक दल (Political Party) अपने वेबसाइट के होम पेज पर ही आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों की जानकारी डालेंगे. उम्मीदवार के चयन से 48 घण्टे में ये जानकारी देनी होगी. आयोग अलग से मोबाइल ऐप बनाएगा, ताकि वोटर अपने मोबाइल फोन पर ऐसे उम्मीदवारो के बारे में जानकारी हासिल कर सके.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक न करने के चलते 10 पार्टियों को अवमानना का दोषी मानते हुए जुर्माना लगाया. कोर्ट ने सीपीएम (CPM) और एनसीपी (NCP) पर 5-5 लाख का जुर्माना लगाया तो वहीं जेडीयू (JDU), आरजेडी (RJD), एलजेपी (LJP), कांग्रेस (Congress), बीएसपी (BSP), सीपीआई (CPI), आरएलएसपी (RLSP) और बीजेपी (BJP) पर 1-1 लाख का जुर्माना लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि अगर कोई राजनीतिक पार्टी आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारो के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के इन दिशानिर्देश का पालन नहीं करती है, तो चुनाव आयोग इस बारे में कोर्ट को सूचित करेगा. ताकि उन राजनीतिक दलों पर अवमानना की कार्रवाई की जा सके.
चुनाव आयोग (Election Commission) आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के बारे में मतदाताओं के जानकारी के अधिकार के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाएगा. इसके लिए एक फंड बनाया जाएगा, जिसमें अवमानना करने वालो से हासिल जुर्माना भी जाएगा. आयोग एक अलग से सेल बनाएगा, जो कोर्ट के दिशानिर्देश की मॉनिटरिंग करेगा.