सोहराय पर्व आदिवासियों का महत्वपूर्ण गौ पूजन पूर्व है, उत्तर भारत के पर्व गोवर्धन पूजा की ही तरह यह पर्व आदिवासी समुदाय सोहराय पर्व बड़ी ही धूम धाम से मानते हैं। इस पर्व को गोधुली के समय मनाया जाता है।

झारखंड में प्राचीन समय से आदीवासी समुदाय के लोग दिपावली के दुसरे दिन काफी धूमधाम से मनाते हैं। मुख्य रूप से गायों को सजाकर दरवाजे पर पूजा करतें है तथा पितल की थाली में साबुत उड़द की दाल और चावल से बने एक पकवान जिसे डुबू कहा जाता है गाय को खिलाते है तथा उसी थाली में से परिवार के सदस्य भी उठा कर खाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में सुख समृद्धि और शांति का वास होता है।