प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ समिट की वर्चुअल बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाक पीएम IMRAN KHAN समेत विश्व के अन्य बड़े नेता जुड़े हुए हैं। वर्चुअल बैठक में बोलते हुए PM मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अपने 75 years पूरे किए हैं। हालांकि,अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है। महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि UN की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आए हैं। अभूतपूर्व Corona महामारी के इस अत्यंत कठिन समय में भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं भेजी हैं। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत अपनी वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में पूरी मानवता की मदद करने के लिए करेगा।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एससीओ एजेंडा में बार-बार अनावश्यक रूप से द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयास हो रहे हैं, जो एससीओ चार्टर और संघाई स्प्रिट का उल्लंघन करते हैं। इस तरह के प्रयास एससीओ को परिभाषित करने वाली सर्वसम्मति और सहयोग की भावना के विपरीत हैं।
PM मोदी ने कहा कि यह एक रेफॉर्म्ड मल्टीलेटरलिस्म है जो आज की वैश्विक वास्तविकताओं को दर्शाए, जो सभी स्टॉकहोल्डर्स की अपेक्षाओं, समकालीन चुनौतियों और मानव कल्याण जैसे विषयों पर चर्चा करे। इस प्रयास में हमें एससीओ सदस्य राष्ट्रों का पूर्ण समर्थन मिलने की अपेक्षा है।
एससीओ समिट में बोलते हुए PM मोदी ने कहा कि भारत को शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर दृढ़ विश्वास है और हमने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के विरोध में आवाज उठाई है। भारत एससीओ चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार, एससीओ के तहत काम करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहा है।