SC ने इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किए जाने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को सोमवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह जनहित याचिका ‘इलाहाबाद हेरिटेज सोसायटी’ की ओर से जारी की गई है। याचिका में कहा गया है कि 400 साल से इलाहाबाद नाम शहर की पहचान है। नाम बदलना शहर की संस्कृति से छेड़छाड़ है। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की एक पीठ ने राज्य को नोटिस जारी किया है।
केन्द्र सरकार ने पिछले साल एक जनवरी को इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज करने की मंजूरी दी थी। उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने अक्टूबर 2018 को इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
इस मामले को लेकर कई जगह विरोध भी हुए, जिसके बाद CM योगी ने विरोध करने वालों पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्हें अपने इतिहास और परंपरा के बारे में जानकारी नहीं उनसे बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि हिमालय से निकलने वाली पवित्र नदियों के किनारे कई प्रयाग हैं लेकिन यह प्रयागों का राजा है। हमारी सरकार ने जनभावना को देखते हुए इसका नाम प्रयाग रखा है।