सऊदी अरब ने कहा है कि दुनिया के कुछ सबसे सुरक्षित तेल ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले हुए हैं। ये हमले स्थानीय विद्रोहियों ने किए हैं। इन हमलों की वजह से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। ये हमले रविवार को हुए थे। कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से भी ऊपर निकल गई है, जो जनवरी 2020 के बाद अब तक का उच्चतम स्तर है। सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत करीब 2.9 फीसदी बढ़कर 71.37 डॉलर प्रति बैरल हो गई।
सऊदी अरब में हुए ये हमले बेहद गंभीर हैं, क्योंकि सऊदी अरब में ही सितंबर 2019 में एक ऑयल प्रोसेसिंग फैसिलिटी और दो फील्ड में आग लग गई थी, जिससे करीब महीने भर तक प्रोडक्शन बंद हो गया था। यमन के हूथी लड़ाकों ने सऊदी में हुए हमले की जिम्मेदारी ली है, लेकिन रियाध इसके लिए ईरान समर्थित विद्रोहियों को जिम्मेदार मान रहा है। रविवार को सऊदी ऊर्जा मंत्रालय ने कहा था कि समुद्र से एक ड्रोन के जरिए रास तनुरा एक्सपोर्ट टर्मिनल के पास एक तेल स्टोरेज टैंक फार्म को निशाना बनाया गया था। इतना ही नहीं, सऊदी अरामको के पास कर्मचारियों के रहने की जगह के करीब भी मिसाइल से एक हमला हुआ है।
दुनियाभर में सबसे अधिक तेल सऊदी अरब से निकलता है और भारत को तेल निर्यात करने वाला सऊदी अरब सबसे बड़ा देश है। अमेरिका और चीन के बाद तेल आयात करने के मामले में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है। ऐसे में अगर सऊदी अरब में तेल के किसी भी ठिकाने को कोई नुकसान पहुंचता है तो उसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर होता है, जिसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर कच्चा तेल की कीमत 10 डॉलर प्रति बैरल बढ़ती है तो भारत का आयात बिल कई गुना बढ़ जाता है। इसके चलते भारत में डीजल-पेट्रोल महंगा हो जाता है। सऊदी अरब और यमन के हूथी विद्रोहियों के बीच झगड़े से कच्चे तेल के दाम काफी बढ़े हैं, जिसका सीधा नुकसान भारत को हो रहा है।
रविवार को ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों के प्रवक्ता याहिया सारी ने इस बात का दावा किया कि उसके समूहह ने सऊदी अरब में 8 बैलिस्टिक मिसाइल दागीं और 14 बम से लदे ड्रोनों से हमला भी किया। सऊदी अरब ने भी माना है कि रास तनुरा के पास ड्रोन और मिसाइल से हमले हुए। रास तनुसा दुनिया का सबसे बड़ा तेल टर्मिनल है, जहां से हर दिन करीब 65 लाख बैरल तेल निर्यात हो सकता है। देखा जाए तो ये आंकड़ा दुनिया का 7 फीसदी तेल है। रास तनुरा टर्मिनल दुनिया के सबसे सुरक्षित तेल ठिकानों में से एक है। इस पोर्ट पर एक बड़ा स्टोरेज टैंक फार्म है, जिसमें कच्चा तेल रखा जाता है और वहां से इसे सुपर-टैंकर्स में भेजा जाता है।