वरिष्ठ समाजवादी नेता Sharad Yadav को नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में Admit कराया गया है। वे ICU में भर्ती हैं। गुरुवार को उन्होंने डॉक्टरों से इशारे में बात कर सेहत में सुधार का इजहार किया। वे बोल नहीं पा रहे हैं। उन्हें एक दिन पहले बुधवार को नई दिल्ली के Sir Gangaram Hospital में एडमिट कराया गया था। उनकी किडनी में खराबी आ गई है। स्वजनों ने बताया कि फिलहाल उन्हें अस्पताल के ICU में रखा गया है। उनकी सेहत में मामूली सुधार हुआ है।
पिछले महीने भी शरद यादव बीमार थे। इलाज के लिए उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस दौरान JDU के कई वरिष्ठ नेताओं ने हालचाल लेने के लिए उनसे बात की। उस वक्त नेताओं ने शरद यादव से JDU में वापस आने को कहा। बातों-बातों में निकली बात आगे भी बढ़ गई थी। कहा जा रहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव के पहले शरद शदव की जेडीयू में वापसी हो सकती है।
विदित हो कि JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटने के बाद शरद यादव ने पार्टी छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक जनता दल के नाम से अपनी पार्टी बनाई। साल 2019 में उन्होंने मधेपुरा से RJD के टिकट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, वहां उन्हें जेडीयू के दिनेशचंद्र यादव ने करीब एक लाख वोटों के से अधिक वोटों से पराजित कर दिया था।
शरद यादव का बिहार, खास कर कोसी क्षेत्र की राजनीति में अच्छा प्रभाव रहा है। विधानसभा चुनाव के पहले शरद को अपने पाले में लाकर जेडीयू Lalu Prasad Yadav के परंपरागत यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में थी। उस वक्त शरद यादव की घर वापसी की चर्चाओं पर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी भी हुई थी। JDU प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार ने शरद यादव को बहुत सम्मान दिया। अब शरद यादव को तय करना है कि वे वापस आएंगे या नहीं। उधर, शरद की JDU में वापसी की चर्चा को राष्ट्रीय जनता दल व Congress ने निराधर कहा था। RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा था कि शरद के JDU में जाने की बात कयासबाजी है।
जहां उनका इतना अपमान हुआ, वहां वे कैसे जाएंगे? कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने भी कहा कि राजनीति में कयास तो लगते ही रहते हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर उस वक्त शरद यादव ने कोई बयान नहीं दिया था।