चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर रूस का कब्जा, Kyiv में लगा कर्फ्यू, यूक्रेन में अब तक क्या-क्या हुआ? जानें

रूस-यूक्रेन तनाव गुरुवार को उस वक्त एक पूर्ण युद्ध में बदल गया जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना को यूक्रेन पर हमला करने की अनुमति प्रदान की. युद्ध के पहले दिन रूस ने यूक्रेन में कम से कम 70 सैन्य ठिकानों को नष्ट करने दावा किया. फिलहाल दोनों देशों के बीच तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है.

दुनिया के सबसे भीषण परमाणु आपदा स्थलों में से एक चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) पर कब्जा करने की कोशिश में लगे रूसी सैनिकों के साथ यूक्रेनी सेना के संघर्ष से स्थिति और खराब हो गई. यूक्रेन की राजधानी कीव में कर्फ्यू लगा दिया गया. रूस ने अंतत: चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया है. इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि रूसी सेना चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा करने की ओर बढ़ रही है और आसपास बमबारी शुरू कर दी है.

चेर्नोबिल संयंत्र पर कब्जा रूस का लक्ष्य
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि रूसी सैनिकों को चेर्नोबिल स्थित पूर्व परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर कब्जा करने से रोकने के लिए उनके देश की सेना लड़ रही है. अगर रूस चेर्नोबिल परमाणु संयत्र पर कब्जा कर लेता है तो दुनिया में बहुत बड़ी तबाही की आशंका बढ़ जाएगी. रूसी सेना ने रात होते-होते इस परमाणु संयंत्र को अपने कब्जे में ले लिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चेर्नोबिल परमाणु संयत्र के चौथे रिएक्टर में 26 अप्रैल 1986 को दुर्घटना हुई थी, जिसे ​विश्व की सबसे भीषण परमाणु त्रासदी माना जाता है. इस घटना पर चेर्नोबिल नाम से एक वेब सीरीज भी बन चुकी है.

चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना विश्व विख्यात है
यूक्रेन (तबके सोवियत संघ) के चेर्नोबिल और जापान के फुकुशिमा डाईची परमाणु संयंत्र (Fukushima Daiichi Nuclear Plant) की दुर्घटनाओं को अंतरराष्ट्रीय परमाणु घटना स्केल के सातवें स्थान पद पर रखा गया है, जो सबसे ज्यादा है. इसका मतलब यह है कि पूरी दुनिया में चेर्नोबिल और फुकुशिमा से बड़ा परमाणु हादसा दूसरा कोई नहीं हुआ. चेर्नोबिल हादसे के बाद पर्यावरण को न्यूक्लियर रेडिएशन से मुक्त करने के लिए कुल 1.8 करोड़ सोवियत रूबल (वर्तमान 5 खरब भारतीय रुपए) खर्च करने पड़े थे. यूक्रेन की राजधानी कीव से 130 किलोमीटर दूर प्रीप्यत शहर में चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट स्थित है.

कीव शहर में पूरी रात लागू रहेगा कर्फ्यू
इस बीच कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने यूक्रेन की राजधानी में रात्रिकालीन कर्फ्यू (Night Curfew in Kyiv) की घोषणा की है. कर्फ्यू स्थानीय समयानुसार रात 10:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक (2000-0500 GMT) लागू रहेगा और उस अवधि के दौरान सार्वजनिक परिवहन सेवा बंद रहेगी. उन्होंने कहा कि बम शेल्टर के रूप में काम करने के लिए मेट्रो स्टेशन पूरे समय खुले रहेंगे. यूक्रेन के दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र के कई हिस्से अब कीव के नियंत्रण में नहीं हैं. रूसी सेना ने जमीन, समुद्र और हवा से यहां हमला किया था.

गोस्टोमेल एयरफील्ड पर रूस का कब्जा
कीव के उत्तरी इलाके में एक एयरबेस पर नियंत्रण के लिए रूस और यूक्रेनी सेनाओं में भीषण संघर्ष हुआ. रूसी सैनिकों ने गोस्टोमेल एयरफील्ड को पहले ही अपने कब्जे में ले लिया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, “आज हमने जो सुना है वह सिर्फ मिसाइल विस्फोट, लड़ाई और विमान की गड़गड़ाहट नहीं है. यह एक नए लोहे के पर्दे की आवाज है, जो गिरने लगा है. जिसने सभ्य दुनिया से रूस को अलग-थलग कर दिया है.”

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