Russia Ukraine Crisis: पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) में तनावपूर्ण सीमा पर बृहस्पतिवार को भारी गोलाबारी हुई, संघर्ष विराम की निगरानी कर रहे ड्रोन जीपीएस का सिग्नल जाम होने पर भटक गये और मोबाइल फोन का नेटवर्क भी चला गया। रूस समर्थित अलगाववादियों ने यूक्रेन (Ukraine) के सैनिकों के खिलाफ जिस इलाके में वषों लड़ाई लड़ी है, वहां शांति कायम रखने की जिम्मेदारी संभाल रहे अंतराष्ट्रीय निगरानीकर्ताओं के एक समूह ने बृहस्पतिवार को 24 घंटे में 300 से ज्यादा विस्फोट होने की बात कही है। यह संख्या पिछले महीने की तुलना में करीब 4 गुणा अधिक है।
उधर, पूरा विश्व, यूक्रेन (Ukraine) की सीमा के पास रूसी सैनिकों के जमावड़े पर करीबी नजर रखे हुए है। इस बीच पश्चिम देशों के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अशांत पूर्वी हिस्से से चिंगारी भड़क सकती है। हाल के हफ्तों में अमेरिका ने कहा है कि यह टकराव रूस को सीमा पार करने का बहाना दे सकता है। स्तेनीत्सीय लुशांका गांव में बृहस्पतिवार को गोलाबारी हुई। यूक्रेन (Ukraine) के एक सैन्य कमांडर ने कहा कि इस हमले में तीन लोग घायल हो गये और आधे गांव की बिजली आपूर्ति ठप्प हो गई। एक गोला एक किंडरगार्टन में जाकर गिरा जिससे दीवार में छेद हो गया। एक अन्य गोले से स्कूल के अहाते में गड्ढा हो गया और आसपास के घरों की खिड़कियों के कांच टूट गए।
स्कूल की निदेशक ओलेना यारयाना ने बताया, ” हमने कांच टूटने की आवाज सुनी, जिससे बच्चे काफी डर गए और कुछ बच्चों ने तुरंत रोना शुरू कर दिया। धमाके अगले बीस मिनट तक जारी रहे।” यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग संबंधी संगठन के निगरानीकर्ताओं के मुताबिक एक दिन में संघर्ष विराम उल्लंघन की करीब 600 घटनाएं हुई है। उनके मुताबिक जीपीएस सिग्नल जाम हो जाने पर उनके तीन ड्रोन भटक गये। मोबाइल फोन का नेटवर्क भी चला गया।
नाटो का हिस्सा होने से यूक्रेन पर नाराज रूस
पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) में रूसी मूल के लोगों की अच्छी खासी आबादी है। यहां लंबे समय से विद्रोह रहा है और इसी के चलते रूस यूक्रेन में अपने लिए उम्मीदें देख रहा है। पश्चिम यूक्रेन के लोग देश को नाटो का हिस्सा बनाना चाहते हैं, जबकि देश के पूर्वी हिस्से में लोग रूस का समर्थन करते हैं। रूस यूक्रेन के नाटो का सदस्य बनने से बौखलाया हुआ है।