यूक्रेन को लेकर पैदा तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) निकट भविष्य में फिर से बात कर सकते हैं। इतना ही नहीं किसी मौके पर पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति से मिल भी सकते हैं। ब्रिटेन के लिवरपूल शहर में हो रही जी 7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में मुख्य चर्चा रूस और चीन पर ही केंद्रित रही है। पता चला है कि संयुक्त बयान में यूक्रेन पर हमला करने पर रूस को दुष्परिणामों की चेतावनी देने की तैयारी है।
क्रेमलिन ने कहा कि 7 दिसंबर को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हुई वार्ता में दोनों नेताओं ने बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई थी। दोनों नेताओं ने पूर्व और पश्चिम के बीच के संबंधों में सुधार की आवश्यकता जताई थी। बाइडन से यह वार्ता यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी देने के लिए की थी। जबकि पुतिन ने बाइडन से गारंटी मांगी है कि नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) अपनी सीमा नहीं बढ़ाएगा, अर्थात यूक्रेन को उसमें शामिल नहीं करेगा।
अमेरिका ने रूस को कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की चेतावनी दी
जी 7(G7) के मंच से भी अमेरिका ने रूस को कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की चेतावनी दी। ब्रिटेन ने भी उसका समर्थन किया। बाकी देशों- फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा ने भी इस पर सहमति जताई है। पता चला है कि संयुक्त बयान में यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में रूस को दुष्परिणामों की चेतावनी देने की तैयारी है। इसके तहत सभी देश मिलकर रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकते हैं। इसी के साथ जी 7 (G7) देशों के विदेश मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों पर भी चर्चा की है। इस स्थिति से निपटने के लिए साथ मिलकर प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता जताई है।