रामपुर सांसद Azam Khan के बेटे व स्वार सीट से SP विधायक मोहम्मद अब्दुल्ला Azam Khan की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। गुरुवार को ही उनकी विधानसभा से सदस्यता खत्म करने की अधिसूचना जारी की गई है।
प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक अब्दुल्ला की सदस्यता HC के 16 दिसंबर, 2019 के फैसले दिन से समाप्त हो गई है। जिसके बाद रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है।
HC के इस फैसले के खिलाफ अब्दुल्ला आजम ने SC का भी दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनके हाथ वहां से भी सिर्फ मायूसी हाथ आई है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन रद करने के HC के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। उच्च न्यायालय के निर्णय पर कोई स्थगनादेश न मिलने पर प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने गुरुवार को उनकी सदस्यता खत्म करने के आदेश जारी किए हैं।
जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद HC ने 16 दिसंबर, 2019 को ही मोहम्मद अब्दुल्ला Azam Khan की विधानसभा सदस्यता को अवैध घोषित कर दिया था। कोर्ट ने BSP नेता नवाब काजिम अली खान की चुनाव याचिका को स्वीकारते हुए यह आदेश दिया था। इस चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा था कि अब्दुल्ला ने वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जब अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, उस समय उनकी आयु 25 साल से कम थी। चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 25 वर्ष की उम्र जरूरी है। इस तरह वह विधानसभा चुनाव लड़ने के पात्र नहीं थे। अब्दुल्ला को रामपुर जिले की 34 स्वार विधानसभा सीट से 11 मार्च, 2017 को विजयी घोषित किया गया था।
अब्दुल्ला आजम ने विधायकी रद करने के हाई कोर्ट के फैसने पर रोक लगाने के लिए SC का दरवाजा खटखटाया था। 17, जनवरी, 2020 को सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राहत नहीं दी थी। शीर्ष अदालत ने निर्वाचन रद करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से मना कर दिया था। वहीं अब कोर्ट ने फिलहाल हाई कोर्ट के याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जिसके बाद अगली सुनवाई 25 मार्च को होनी है।
SP सांसद Azam Khan, उनकी पत्नी विधायक डॉ। तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला को दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में बुधवार को MP-एमएलए कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के मामले में 3 दिन पहले अदालत ने कुर्की वारंट जारी भी जारी किया था। जिसके बाद बुधवार को Azam Khan उनकी पत्नी और बेटे ने अदालत में समर्पण कर दिया। अदालत ने तीनों को रामपुर जिला जेल सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया है।