तारीख पर तारीख नहीं, परोल पर परोल… सजायाफ्ता गुरमीत राम रहीम पर जमकर बरस रही ‘कृपा’

गुरमीत राम रहीम आज रोहतक के सुनारिया जेल से बाहर आ सकता है. हरियाणा सरकार ने उसे इस बार 21 दिन की फरलो दी है. पिछले 4 साल में किस तरह गुरमीत राम रहीम को परोल और फरलो दी जाती रही है. यहां जानिए कि आखिर परोल और फरलो में बुनियादी फर्क क्या है…

चार साल में छह महीने जेल से बाहर, ये हिसाब-किताब है रेप और हत्या के मामलों में उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का. राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में कैदी नंबर 1997 के तौर पर सजा काट रहा है लेकिन 20 नवंबर, सोमवार को हरियाणा सरकार की ओर से 21 दिन की फरलो मिलने के बाद आज वह जेल से बाहर आ सकता है.

2023 में राम रहीम तीसरी बार जेल से बाहर आ रहा है. इस बार भी वह उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहेगा. रोहतक प्रशासन ने बरनावा आश्रम में ही बिताए गए परोल और फरलो के दौरान राम रहीम के आचरण को ध्यान में रखकर फिर एक बार फरलो दी है.

2023 में तीन महीने जेल से बाहर

इस साल की शुरुआत ही में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को एक लंबी परोल दी गई. राम रहीम को 22 जनवरी, 2023 को 40 दिन के परोल की हरियाणा सरकार ने मंजूरी दी. इसके बाद फिर 19 जुलाई को 30 दिन की परोल और राम रहीम को मिल गई. वहीं हालिया 21 दिन के फरलो के बाद इस साल 91 दिन राम रहीम को जेल से बाहर रहने की इजाजत दे दी गई. हालांकि, कोई और परोल या फरलो अगर इस साल नहीं दी गई तो नया साल राम रहीम का सलाखों के ही पीछे कटेगा.

2022 में भी तीन महीने जेल से बाहर

2023 के परोल और फरलो से अगर एक तुलना करें तो 2022 में राम रहीम की रिहाई एकदम उल्टी दिशा से शुरू हुई थी. पहले 21 दिन, फिर 30 दिन और आखिर में 40 दिन कर के तीन दफा राम रहीम को जेल से बाहर वक्त बिताने की अनुमति मिली. 7 फरवरी, 2022 को पहले 21 दिन का फरलो दिया गया. उसके बाद 17 जून को 30 दिन और 14 अक्टूबर को 40 दिन की परोल हरियाणा सरकार ने दी थी.

2020 और 2021 में सिर्फ 2 दिन

2022 और 2023 में लगभग तीन-तीन महीने जेल से बाहर रहने वाला राम रहीम 2020 और 2021 में केवल 2 दिन का परोल ही हासिल कर पाया था. तब बीमार मां से मिलने के लिए हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने गुरमीत को एक-एक दिन का परोल दिया था.

रेप और हत्या के मामलों में काट रहा सजा

2017 के अगस्त महीने में खुद को ईश्वर का अवतार बताने वाले राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई थी. दो शिष्याओं के साथ बलात्कार मामले में गुरमीत को ये सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा, अपने डेरा ही के एक कर्मचारी की हत्या मामले में दोषी पाए जाने पर राम रहीम को अक्टूबर 2021 में उम्र कैद की सजा अदालत ने सुनाई थी.

राजस्थान चुनाव से कोई कनेक्शन?

56 वर्षीय राम रहीम की रिहाई को राजस्थान विधानसभा चुनाव से जोड़ कर भी देखा जा रहा है. राजस्थान में 25 नवंबर, शनिवार को वोटिंग होनी है और हरियाणा बॉर्डर से सटे श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और दूसरे कई जिलों में गुरमीत का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है.

फरलो और परोल में क्या है बुनियादी अंतर?

  1. फरलो की अवधि को कैदी की सजा में छूट और उसके अधिकार के तौर पर देखा जाता है जबकि भारत में परोल को कैदी के अधिकार के तौर पर नहीं देखा जाता. कैदी के आचरण को मद्देनजर रखकर उसे पैरोल दी जाती है.
  2. फरलो देने का मकसद होता है कि कैदी परिवार और समाज के लोगों से मिल सके. वहीं, परोल के जरिए एक तरह से कैदी को सुधार का मौका दिया जाता है.
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