जानिए महिलाओं के पीरियड्स में क्यो हो रही समस्या

पीरियड्स में महिलाओं को न सिर्फ असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है बल्कि इस समय शरीर में कई तरह के बदलाव भी नजर आते हैं। यह हर महीने एक तय समय पर होता है लेकिन अगर किसी कारणवश यह समय पर न हो या फिर काफी देरी से हो महिलाएं परेशान हो जाती हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि Periods के समय पर न आने या मिस हो जाने के पीछे सिर्फ Periods ही कारण हो। आपको बता दें कि कई बार स्ट्रेस के कारण भी ऐसा हो सकता है। कोरोना महामारी के चलते भी महिलाओं में काफी अधिक तनाव नजर आ रहा है और इसकी सीधा असर उनके Periods पर पड़ रहा है।

दरअसल Corona के चलते Lockdown जारी है और लोग घरों में बंद हैं। ऐसे में कई महिलाओं में स्ट्रेस की समस्या नजर आ रही है जिसका असर उनके Periods पर पड़ रहा है। डॉक्टरों की मानें तो लंबे समय तक घरों में बंद रहने की वजह से नींद, खान-पान, फिजीकल एक्टिविटी रूटीन जैसी प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं। घर से बाहर न निकल पाने की वजह से स्ट्रेस की समस्या होने लगती है। दुनिया के ज्यादातर देशों में कोरोना संक्रमण की वजह से Lockdown जारी है और ऐसे में विश्वभर की महिलाओं में एक नई समस्या देखी जा रही है और वो है अनियमित Periods, ज्यादा दर्दनाक Periods और मेंस्ट्रूयल क्रैम्प्स।

Lockdown में Periods के समय ज्यादातर महिलाओं को असहनीय दर्द हो रहा है। पेट में ऐंठन और सिरदर्द की समस्या भी देखी जा रही है। इसका सबसे कारण है कि कोविड 19 Lockdown
ने उनके डेली रूटीन को बिगाड़ दिया है। महामारी के चलते महिलाओं में स्ट्रेस की समस्या बढ़ी है। उन्होंने बताया कि स्ट्रेस शरीर द्वारा उत्पादित कोर्टिसोल की मात्रा को प्रभावित करता है।

कोर्टिसोल को एक स्ट्रेस हॉर्मोन के रूप में भी जाना जाता है और यह शरीर के पूरे हॉर्मोनल एक्सिस के मुख्य नियामकों में से एक है। इसलिए अगर हम तनावग्रस्त हैं तो शरीर में अधिक कोर्टिसोल का उत्पादन होता है जो बदले में हमारे सामान्य प्रजनन हॉर्मोन पर असर डाल सकता है। नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार मनुष्य का शरीर लंबे समय तक तनाव को नहीं झेल सकता और इसलिए यह रिएक्ट करना शुरू करता है। बॉडी स्ट्रेस को अपनी भावनाओं के अनुसार डील करती है। कई महिलाओं में Periods बिल्कुल समय पर होते हैं लेकिन कुछ में ये जल्दी या देरी से भी हो सकते हैं।

इन दिनों महिलाओं में अनियमित Periods का कारण लॉकडाउन का स्ट्रेस है। Lockdown में अनियमित लाइफस्टाइल के चलते स्ट्रेस की समस्या नजर आ रही है। तनाव महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन और यहां तक कि पीसीओएस पैदा करने के लिए भी जिम्मेदार है। यदि आप पीसीओएस सीमा पार कर चुकी हैं तो महामारी से प्रेरित यह तनाव आपको दूसरी तरफ धकेल सकता है। कई महिलाओं में ये पैनिक भी क्रिएट कर सकता है।

ज्यादातर महिलाएं अब घर के अंदर बंद हैं, इसलिए वह एक हेल्दी लाइफस्टाइल नहीं जी पा रही हैं। ऐसे में उनकी नींद के पैटर्न से लेकर डाइट भी प्रभावित हो रहा है। तनाव शरीर में इंसुलिन के असंतुलन को बढ़ा सकता है जो लेप्टिन हॉर्मोन का सिक्रीशन करता है। वह महिलाएं जिनका पहले 30 दिनों में ही Periods साइकिल होता था अब उनके साइकिल में 7-8 दिन या इससे भी अधिक की देरी हो सकती है। इसे ओलिगोमेनोरिया कहा जाता है।

डॉक्टर गोस्वामी ने यह भी चेतावनी दी कि यदि भविष्य में संकट और गहराता है तो यह और भी बदतर हो सकता है। यदि महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन बना रहता है, तो यह बालों के विकास, वजन और यहां तक कि पिंपल्स की समस्या भी पैदा कर सकता है। यह प्रजनन क्षमता को भी बिगाड़ सकता है। कई बार स्ट्रेस के चलते महिलाओं के Periods पूरी तरह से बंद भी हो जाते हैं

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