प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) ने एक बड़ा यू-टर्न लेते हुए आज राष्ट्र को संबोधित नहीं करने का फैसला किया है। पीटीआई सीनेटर फैसल जावेद खान ने कहा कि बुधवार के लिए निर्धारित इमरान खान (Imran Khan) के संबोधन को स्थगित कर दिया गया है। वहीं पाकिस्तान (Pakistan) के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। दूसरी ओर विपक्ष ने दावा किया है कि उन्हें सरकार गिराने के लिए 175 सदस्यों का समर्थन हासिल है।
वहीं पाकिस्तान (Pakistan) डेमोक्रेटिक मूवमेंट (Pakistan Democratic Movement, PDM) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने बुधवार को कहा कि विपक्ष को 175 सांसदों का समर्थन प्राप्त हो गया है। बता दें कि प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए विपक्ष को केवल 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है। हालांकि सत्तारूढ़ पाकिस्तान (Pakistan) तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को एक और झटका लगा है। पीटीआई की सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने सत्तारूढ़ गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया है।
यही नहीं मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने विपक्ष के साथ एक समझौते पर दस्तखत भी किया है। सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर निकलने की घोषणा एमक्यूएम-पी के संयोजक डा. खालिद मकबूल सिद्दीकी (Khalid Maqbool Siddiqui) ने शीर्ष विपक्षी नेताओं शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif), मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) और बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में की।
यानी जाहिर है कि एमक्यूएम-पी ने विपक्ष का सहयोग करने का फैसला किया है। यही नहीं एमक्यूएम-पी के दो मंत्रियों फारोग नसीम और अमीनउल हक ने अपना इस्तीफा भी दे दिया है। मालूम हो कि इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पीटीआई के सदन में 155 सांसद हैं जिसमें से कई के बगावत करने की खबरें हैं। यही नहीं मौजूदा वक्त में इमरान खान (Imran Khan) को कई सहयोगी दलों से भी झटका लगा है। सनद रहे कि पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए नहीं हटाया गया है।