अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने ट्रंप प्रशासन का एक और फैसला पलटते हुए सऊदी अरब (Saudi Arabia) और संयुक्त अरब अमीरात के साथ हुए रक्षा समझौतों (Defence Deals) पर रोक लगा दी है। अमेरिका (America) ने कहा है कि वह ट्रंप के कार्यकाल में हुए सौदों की व्यापक समीक्षा कर रहा है। लिहाजा, इस दौरान हथियारों की बिक्री नहीं की जाएगी। इन समझौतों में UAE के साथ अमेरिका के सबसे घातक F-35 फाइटर जेट की डील भी शामिल है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड (Donald Trump) ट्रंप ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ रक्षा सौदे किये थे। जिसके तहत UAE को F-35 लड़ाकू विमान बेचे जाने हैं। इस डील की वजह से अमेरिका और ईरान में तनाव बढ़ गया था। अब जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन ने साफ कर दिया है कि आर्म्स डील (Arms Deals) के मामले में सभी पक्षों को फिर से देखा जाएगा और समीक्षा के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बुधवार को फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि समझौतों पर अस्थायी तौर पर रोक लगाई गई है। नई सरकार पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए सौदों की समीक्षा करेगी, उसके बाद ही कोई फैसला लेगी। जानकारों का मानना है कि सऊदी अरब और UAE यमन में जिस तरह आक्रामक रुख अपना रहे हैं, उससे मानवाधिकारों का हनन हो रहा है और इसी के चलते बाइडेन प्रशासन ने रक्षा समझौतों पर रोक लगाई है। ताकि दोनों देशों को स्पष्ट संदेश जा सके कि अमेरिका इस मुद्दे पर गंभीर है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि जब भी कोई नई सरकार सत्ता में आती है, इस तरह के फैसले लिए जाते हैं। हम चाहते हैं कि पारदर्शिता बनी रहे। हम यह भी चाहते हैं कि हमारे सहयोगियों की सुरक्षा जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। बता दें कि ट्रंप ने UAE को इस शर्त पर F-35 बेचने पर सहमति जताई थी कि वो इजरायल को मान्यता देगा। उनकी कोशिशों के चलते ही दोनों देशों के रिश्ते सामान्य हुए थे। लिहाजा, अब ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या UAE अपने रुख पर कायम रहेगा?
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर दबाव बनाने के लिए इजरायल, सऊदी अरब और यूएई के साथ अपने संबंधों को काफी मजबूत बनाया था। US ने UAE के साथ 23 अरब डॉलर की डिफेंस डील की थी। जिसके तहत F-35 सहित कई अत्याधुनिक हथियार यूएई को दिए जाने हैं। तत्कालीन विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि इस डील में कई उन्नत हथियार प्रणालियों को संयुक्त अरब अमीरात को दिया जाएगा। इसके अलावा, ट्रंप ने सऊदी अरब को भी घातक हथियार देने की डील की थी, लेकिन अब इन सौदों पर नई सरकार ने रोक लगा दी है।