जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग, याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस याचिका को BJP नेता और वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया था। अश्विनी उपाध्याय PMO में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर साल 2018 में प्रजेंटेशन भी दे चुके हैं। वहा उन्होंने वेंकटचलैया आयोग का भी उल्लेख किया था।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए अटल बिहारी सरकार की ओर से 2000 में गठित वेंकटचलैया आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की सिफारिश की थी। इस आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वेंकटचलैया थे जबकि जस्टिस सरकारिया, जस्टिस जीवन रेड्डी और जस्टिस पुन्नैया इसके सदस्य थे।

इस आयोग के अन्य सदस्यों में पूर्व अटॉर्नी जनरल केशव परासरन तथा सोली सोराब, लोकसभा के महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष संगमा, तत्कालीन सांसद सुमित्रा, वरिष्ठ पत्रकार CR ईरानी और अमेरिका में भारत के राजदूत रहे वरिष्ठ राजनयिक आबिद हुसैन भी शामिल थे। वेंकटचलैया आयोग ने 31 मार्च 2002 को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी।

सितंबर 2019 में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हम सरकार के कार्यों को अंजाम नहीं दे सकते। जनसंख्या नियंत्रण कानून पर अमल करवाना अदालत का कार्यक्षेत्र नहीं। न्यायमूर्ति DN पटेल और सी हरी शंकर की पीठ ने कहा था कि इस याचिका पर सुनवाई करने करने का कोई वजह नहीं है, इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाता है। न्यायपालिका सरकार के कार्यों को नहीं कर सकती है और अदालत संसद और राज्य विधानसभाओं को निर्देश जारी नहीं करना चाहती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1