जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या पहुंची 98

पंजाब में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या रविवार तक 98 हो गई। तरनतारन जिले में 12 और लोगों की मौत के साथ ही यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले में पहले ही 13 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है। जहरीली शराब पीने से बीमार हुए लोगों का कहना है कि जब से उन्होंने शराब पी है, तभी से उन्हें देखने में समस्या हो रही है।

उपायुक्त कुलवंत सिंह ने फोन पर बताया कि तरनतारन में मृतकों की संख्या अब 75 हो गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि क्षेत्र से मिली जानकारी के आधार पर प्रशासन मृतकों का आंकड़ा 75 बता रहा है क्योंकि बीते कुछ दिनों में मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजन द्वारा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ तो पोस्टमॉर्टम कराने के लिए भी नहीं आए।

तरनतारन के अलावा अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 लोगों की मौत की भी खबर है। यह पूरा मामला बुधवार शाम को शुरू हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि कुछ परिवार तो अपने संबंधी की जहरीली शराब पीने से हुई मौत की रिपोर्ट दर्ज कराने भी आगे नहीं आ रहे हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अपने परिवार के सदस्य की मौत की रिपोर्ट कराएं।

शराब पीने से बीमार हुए 50 वर्षीय तिलक राज कहते हैं, ‘मैंने जबसे यह शराब पी, तब से मेरी तबीयत खराब हो गई और मैं ठीक से देख नहीं पा रहा था। अब थोड़ा ठीक हूं लेकिन देखने में अभी भी समस्या हो रही है। मैं 60 रुपये में यह शराब खरीदी थी।’ बीमार चल रहे 32 वर्षीय अजय कुमार कहते हैं, ‘जबसे मैंने शराब पी मुझे कमजोरी महसूस हो रही है।’ कई लोगों ने बताया कि उन्होंने हाथी गेट के पास से शराब खरीदी थी। खुलेआम जहरीली और नकली शराब बेची गई लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई ही नहीं की।

इस बीच, विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (AAP) ने पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा समेत कुछ स्थानों पर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसकी वजह से लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर गरीब परिवारों के थे। AAP के सांसद भगवंत मान ने तरनतारन जाकर मृतकों के परिजन से मुलाकात की। भगवंत मान ने इस मामले की मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।

पंजाब सरकार पहले ही इस मामले में मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे चुकी है। CM अमरिंदर सिंह ने शनिवार को छह आबकारी और सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित किए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने पुलिस और आबकारी विभाग के जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री पर रोक नहीं लगा पाने को शर्मनाक करार दिया था। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है।

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