देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) समेत पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव के नतीजे गुरुवार (10 मार्च) को आएंगे. उससे पहले आज शाम दिल्ली में तीनों नगर निगम के चुनावों (MCD Elections 2022) की तारीखों का ऐलान होगा. यानी एक चुनाव खत्म हुआ नहीं कि दूसरा चुनाव चालू. इसीलिए भारत को चुनाव प्रधान देश भी कहा जाता है.
गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा (Gujarat assembly election 2023) के रण की तैयारी बीजेपी (BJP) ने अभी से शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) अगले ही दिन शुक्रवार से दो दिनों तक गुजरात में ताबड़तोड़ रैलियों और समारोहों को संबोधित करेंगे. बीजेपी ने पीएम के लिए कई कार्यक्रम निर्धारित किए हैं. 2018 के गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.
राज्य में चुनावी हवा तैयार करने के मकसद से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह एक साथ दो दिवसीय दौरे पर गुजरात जा रहे हैं. इस दौरान पीएम अहमदाबाद में मेगा रोड शो का नेतृत्व करेंगे. इसके अलावा दो दिनों का उनका राज्य में विस्तृत कार्यक्रम है.
कई रैलियों को संबोधित करेंगे पीएम
इन सबके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के जिला पंचायत, तालुका और गांव के चुने हुए प्रतिनिधियों की बड़ी रैली को भी संबोधित करेंगे. पिछले महीने बीजेपी ने कहा था कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे. इस रैली में एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है. शनिवार को प्रधानमंत्री गुजरात खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित खेल महाकुंभ में शामिल होंगे. आधिकारिक बयान के मुताबिक इस खेल महाकुंभ में गांव, तालुका और जिला स्तर पर युवाओं की भागीदारी होगी. पिछले महीने इस बात की सूचना भी दी गई थी कि प्रधानमंत्री गांधीनगर जिले के लवादा गांव में राष्ट्रीय रक्षा दल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे.
यूपी चुनाव में ही दे थी झलक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी चुनाव से ही गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार की झलक दे दी थी. यूपी की एक रैली में पीएम मोदी ने कहा था, गुजरात में पिछले दो दशक से कोई दंगा नहीं हुआ है. इसलिए यूपी की जनता भी जानती है कि सिर्फ बीजेपी ही अपराधियों और दंगों पर अंकुश लगा सकती है. उन्होंने यह अखिलेश और राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि ये लोग लोकतंत्र का मतलब बदलने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा था, लोकतंत्र का मतलब जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए है लेकिन ये घोर परिवारवादी लोग इसका मतलब बदलना चाहते हैं. ये लोग कहते हैं सरकार परिवार का, परिवार के लिए और परिवार के द्वारा है.
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उन्होंने दूसरे कू में लिखा, “चुनाव प्रधान देश का 2022 का चुनावी कैलेंडर-
पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव
नगर निगमों के चुनाव
विधान परिषद के चुनाव
राज्य सभा के चुनाव
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के चुनाव
गुजरात, हिमाचल के चुनाव
और बीच-बीच में उपचुनाव…
चाहे सब कुछ रुक जाए, चुनाव नहीं रुकने चाहिए.”
बता दें कि अप्रैल में दिल्ली नगर निगमों के चुनाव होने हैं. इसके बाद बिहार विधान परिषद और राज्य सभा के द्विवार्षिक चुनाव होने हैं. जुलाई में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के भी चुनाव संभावित हैं. इस साल के अंत तक गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव भी होने हैं.